मोदी जी की डिजिटल सेवा का भ्रस्टाचार ,लोगो की जेब से पैसे चुरा/सेवा शुल्क कर पेटीएम का वित्तवर्ष’24 का राजस्व साल-दर-साल 25 प्रतिशत बढ़कर 9,978 करोड़ रुपये तक पहुँचा,

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  मोदी जी की डिजिटल सेवा का भ्रस्टाचार ,लोगो की जेब से पैसे चुरा कर  पेटीएम का वित्तवर्ष’24 का राजस्व साल-दर-साल 25 प्रतिशत बढ़कर 9,978 करोड़ रुपये तक पहुँचाईएसओपी से पहले ईबीआईटीडीए 559 करोड़ रुपये रहा

नई दिल्ली टाउनहॉल टाइम्स  प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने डिजिटल इंडिया की शुरआत की और उसमे कैशलेस  लेन देन पर जोर दिया और कहा कि कैशलेस लेन देन में कोई चार्जे नहीं लगेगा  बल्कि इकॉनमी मजबूत होगी लेकिन लोगो को ये नहीं मालूम था कि कैशलेस इकॉनमी के नाम पर मोदी जी पूंजीपतियो की सेवा में लगे है और उनके फायदे की बात कर रहे है .

बाजार में पहले चेंज की यानी छोटे नोट बंद किये जाने लगे और धीरे धीरे  आम लोगो को पेटम जैसे माध्यमो को बढ़ावा दिया जाने लगा   और अपनी कम्पनियो को आगे बढाने के लिए इन्होने भी यही कहा कि ये सब फ्री सेवा है  और बाकायदा इसमें कैश बैक जैसे ऑफर भी परोसे गए लेकिन धीरे धीरे  ये कम्पनियां  फ्री सेवा देते देते हजारो करोड़ कमाने लगी और उसका कारण यही है कि लेन देन पर शुल्क लगाना

पेटम की एक प्रेस विज्ञप्ति देखिये

भारत की अग्रणी पेमेंट्स एवं फाईनेंशल सर्विसेज़ वितरण कंपनीपेटीएम ने वित्तवर्ष 2024 की चौथी तिमाही के परिणामों की घोषणा की है। कंपनी के मुख्य व्यवसाय में 25 प्रतिशत की साल-दर-साल वृद्धि के साथ संचालन से मिलने वाला राजस्व वित्तवर्ष 2024 में बढ़कर 9,978 करोड़ रुपये हो गया। इस वृद्धि में जीएमवी की तेजीडिवाईस के मजबूती से जुड़ने और इसकी वित्तीय सेवाओं के वितरण व्यवसाय के विस्तार से मदद मिली है।

वित्तवर्ष 2024 में जीएमवी 39% बढ़कर ₹18.3 लाख करोड़ तक पहुँच गया। मार्च 2024 तक 1.07 करोड़ व्यापारियों द्वारा डिवाइस सब्सक्रिप्शन के लिए भुगतान किए जाने के साथ सब्सक्रिप्शन राजस्व में काफी वृद्धि हुई।

वित्तवर्ष 2024 कंपनी के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष रहा क्योंकि आईपीओ के बाद कंपनी ने पहली बार पूरे साल लाभ दर्ज किया, तथा ईएसओपी स्तर से पहले ईबीआईटीडीए 559 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्तवर्ष की तुलना में 734 करोड़ रुपये ज्यादा है। भुगतान सेवाओं से कंपनी का राजस्व वित्तवर्ष 2024 में 26% साल-दर-साल बढ़कर 6,235 करोड़ हो गयातथा वित्तवर्ष 2024 की चौथी तिमाही में यह 7% साल-दर-साल की वृद्धि के साथ 1,568 करोड़ रुपये रहा।

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कंपनी को पिछले वित्तवर्ष में 182 करोड़ रुपये के मुक़ाबले वित्तवर्ष 2024 में 288 करोड़ रुपये के यूपीआई प्रोत्साहन प्राप्त हुए (QFY24 में दर्ज)। वित्त वर्ष 24 में अंशदान लाभ 42% बढ़कर 5,538 करोड़ रुपये हो गयातथा कुल ऋण वितरण 48% की वृद्धि के साथ 52,390 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। इस प्लेटफ़ॉर्म पर यूज़र्स की हलचल भी बढ़ीऔर वित्तवर्ष 2024 की चौथी तिमाही में औसत मासिक लेन-देन करने वाले यूज़र्स (MTU) 7% की साल-दर-साल वृद्धि के साथ 9.6 करोड़ हो गए।

पेटीएम बैंक भागीदारी द्वारा वित्तीय उत्पाद वितरण के विस्तार और ग्राहक रिटेंशन एवं सेवा का स्तर बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए वित्तवर्ष 2025 की दूसरी तिमाही से और ज्यादा मजबूत राजस्व वृद्धि एवं बेहतर लाभ प्राप्त करने के लिए आशान्वित है।

 अब इसके बाद ये बात भी है कि इन कम्पनियो ने कैसे बैंक सेवाए आरम्भ कर ली कौनसे कानून के तहत इन्होने फिक्स डिपाजिट और डिपाजिट  जैसी सेवाए शुरू कर ली कोई नहीं जानता   सबसे बड़ी बात अब ये पेमेंट गेटवे  बाकायदा लोगो के अकाउंट से अपनी एप को लिंक कर रही है  वो भी जबरदस्ती ये अधिकार भी इनके पास कैसे आया ये भी नहीं पता

अब ये आम जनता की मजबूरी है क्योकि मार्किट से चेंज को एकदम खत्म कर दिया गया है छोटे नोट गायब है या कम है तो फल सब्जी आदि लेने के लिए लोग इन एप पर निर्भर हो गए है जो लोगो को लगता हो कि सुविधा हो गई है लेकिन आपकी जेब में एक सरकारी जासूस बैठ गया है ये आपको नहीं मालूम यानी आप कहा जा रहे हो , क्या खर्च कर रहे हो क्या खा रहे हो सब कुछ सरकार के पास आंकड़ा है यानी डेटा है और वो इस डेटा की मदद से आपके वव्हार और औकात दोनों का पता रखती है और आपके पास सोशल मीडिया से लेकर फोन तक पर वैसे ही विज्ञापन और खबरे आपको दिखाती है . यानी आप बहुत बड़े षड्यंत्र का शिकार हो चुके है  यानी आप एक आजाद देश के डिजिटल गुलाम बन चुके है

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