लोनी ग़ाज़ियाबाद में केंद्रीय विद्यालय की जमीन पर भूमाफियाओ का कब्ज़ा ? प्रशासन ने नहीं दिया जवाब ; Surender Kumar
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जिला ग़ाज़ियाबाद तहसील लोनी के ग़ाव शादुल्लाबाद में सरकार ने खसरा नंबर 312 को केंद्रीय विद्यालय के लिए आबंटित किया जिसको जिला प्रशासन ने सहमती दे कर आगे बढ़ा दिया लेकिन फाइलों में ऐसा फेर हुआ कि खसरा नम्बर 312 पर स्थानीय भूमाफियाओ ने कब्जा कर लिया और खसरा नंबर 470 और 473 को केंद्रीय विद्यालय के लिए दिखाया बता दिया गया
जब इसकी भनक ग़ाव के कुछ जागरूक लोगो को लगी उन्होंने इसकी शिकायत प्रशासन में की जिसकी आई जी आर एस संख्या 12000230172476 शिकायतकर्ता विसल ब्लोअर श्री जीत सिंह ने की लेकिन प्रशासन ने इस बात को मानने से बिलकुल इनकार कर दिया कि खसरा नम्बर 312 पर किसी तरह का कोई कब्जा है जबकि इसके बारे में जीत सिंह ने लिखित पत्र में महोदय उप जिला अधिकारी के खसरा नम्बर 312 के पैमाइश के लिए टी एस एम् टोटल सर्वे मशीन द्वारा भूमि की पैमाइश की मांग की गई थी जिसका उपजिला अधिकारी कार्यालय ने कोई जवाब नहीं दिया है
जीत सिंह का मानना है कि अगर इस तहसील की सभी सरकारी जमीनों की पैमाइश यानी मेज़रमेंट हो जाए तो अवैध कब्जे के बहुत सारे राज खुलेंगे और उसमे बहुत सारे सरकारी अफसरो के असली चेहरे सामने आयंगे
जीत सिंह का यह भी कहना है कि इस खसरे पर कब्जा स्थानीय भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर की देख रेख में किया गया है और फ्रंट में
विजय भाटी अध्यक्ष रेल विहार आवास सहकारी समिति को रखा गया है यानी मुख्य रूप से विजय भाटी अध्यक्ष रेल विहार आवास सहकारी समिति कर रहा है और डोर नन्द किशोर गुर्जर के हाथ में है जो भाजपा का विधायक है लेकिन प्रशासन इस बात को मानने से इनकार करता है लेकिन बाद में जब शिकायतकर्ता ने दुबारा से सम्बन्धित अधिकारिओं की शिकायत की तो
प्रशासन ने शिकायत का लिखित जवाब देते हुए कहा 20 सितम्बर २०२३ को स्वीकार किया कि हाँ खसरा नम्बर 312 पर अवैध कब्जा था जिसे हटा दिया गया है लेकिन इस जमीन से कब्जा अभी पूरी तरह नहीं हटा है 99 % प्रतिशत जमीन अभी भी भुमाफिओं के कब्जे में है
स्थानीय नागरिको का कहना है कि प्रशासन इसलिए भी झूट बोल रहा है क्योकि इसमें खुद प्रशासन के लोग भूमाफियाओ से मिले है और उनका भी इसमें हिस्सा है इसलिए प्रशासन के लोग खसरा नम्बर 312 की जगह आम लोगो को गुमराह करने के लिए खसरा नम्बर 470 और 473 को स्कूल के लिए आबंटित जगह बता रहे है यानी खसरा नंबर 312 की जगह खसरा नम्बर 470 -473 जो एक तरह से आम जनता को गुमराह करने वाली बात है
इस विषय में अखबार ने जिलाधिकारी और एस डी एम अरुण दीक्षित और जिलाधिकारी को फोन किया लेकिन फोन पर बात नहीं हो सकी इसलिए उन्हें व्हात्सप्प मेसेज करके इस विषय की जानकारी मांगी गई लेकिन खबर लिखने तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है
स्थानीय लोगो का कहना है कि रेल विहार से लेकर स्थानीय ग़ाव और पुरे इलाके में भूमाफियाओ को बोलबाला है और ये भूमाफिया जिलाधिकारी कार्यालय और स्थानीय विधायक की मदद से फल फूल रहे है
हलांकि अखबार अपने स्तर पर सभी कथनों की पुष्टि कर रहा है और सम्बन्धित आरोपों के दस्तावेज भी जुटा रहा है जिसमे से कुछ प्राप्त हो गए है कुछ बाकी है
इसी बीच विसल ब्लोअर जीत सिंह एस डी एम् अरुण दीक्षित से 25 सितम्बर 2023 को फिर मिले और आग्रह किया कि खसरा नम्बर 312 पर ही सरकारी बोर्ड लगाया जाए और बाकायदा उस बोर्ड पर यह भी लिखा जाए कि यह जमीन केन्द्रीय विद्यालय के लिए आबंटित है , ऐसा बताया जा रहा है कि एस डी एम् अरुण दीक्षित ने विसल ब्लोअर जीत सिंह को यह भरोसा दिलाया है कि जल्द ही गलत जगह लगे सरकारी सूचना बोर्ड को यानी खसरा नम्बर 470 और 473 की जगह खसरा नम्बर 312 पर ही सरकारी अधिसूचना बोर्ड लगाया जाएगा और उस पर यह भी लिखा जाएगा कि यह जमीन केंद्रीय विद्यालय के लिए ही आबंटित है इस पर कब्जा गैर कानूनी माना जाएगा
स्थानीय नागरिको का कहना है ये केस मात्र एक बानगी है इस तहसील में अवैध कब्जे और भुमाफिओं की जड़े काफी गहरी और मजबूत है जिसमे स्थानीय नेता , पुलिस ,प्रशासन सब शामिल है