भाजपा के होंसले पस्त, करारी हार का डर , नहीं भरोसा देश को मोदी की गारंटी वाले जुमले पर
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देश का माहौल खुद बता रहा है कि भाजपा इस बार कुछ भी कर ले लेकिन लोकसभा चुनाव में इसको बहुमत नहीं मिलेगा , कई राज्यों में छोटी छोटी संस्थाओं द्वारा किये गए सर्वे खुद बताते है कि इस बार भाजपा को चालीस सीट से ज्यादा सिर्फ एक शर्त पर मिलेंगी वो ये है कि ई वी एम् का इस्तेमाल किया जाए अन्यथा और कोई वजह नहीं . हलांकि एक अच्छे योद्धा और लीडर की तरह मोदी जी ये बात कह रहे है कि इस बार चार सौ पार .. लेकिन उनके खुद के मन में ये है की इस बार सत्ता से बाहर क्योकि देश में भाजपा शासन काल में जिस अफरा तफरी का अराजकता का , माहौल रहा है वो देश के आम नागरिको को गवारा नहीं है
२०१४ में मोब लिंचिंग , गोआतंक नोट्बंदी , जी एस टी , पुलवामा हमला गलवान घाटी , चीन का भारतीय जमीन पर कब्जा गरीबी , महंगाई , बेरोजगारी , किसान आन्दोलन , सब मुद्दे चुनाव से गायब है , इकॉनमी के नाम पर एक बार फिर देश को मुर्ख बनाते हुए मोदी जी कह रहे है २०२९ में दस ट्रिलियन की इकॉनमी हो जाएगी . मोदी जी जानते है कि उनकी इस बात पर कम से कम देश के अनपढ़ ,मंद्बुधि भक्त जरूर विशवास लेंगे
लेकिन अगर हम इनके चुनाव अभियान पर नजर डाले तो ये ही नज़र आता है कि हिन्दू मुस्लिम , राम मंदिर , और समान नागरिक सहिंता को ये दुबारा अपना हथियार बनायेंगे
प्रचार से भाजपा गायब इस बार चुनाव प्रचार में जो अपने शुरूआती दौर में दिख रहा है कि भाजपा एक बार फिर मोदी के नाम को इस्तेमाल करेगी यानी बाकी भाजपा और भाजपाई सीन से गायब है भाजपा की नीतियाँ गायब है केवल मोदी की गारंटी ,मोदी सरकार शब्द का इस्तेमाल और प्रचार किया जा रहा है ऐसा लगता है चुनाव केवल मोदी जी लड़ रहे है और भाजपा के सारे लोग उनके पिछलग्गू है
लेकिन मोदी पर लोग कैसे विशवास करे , पंद्रह लाख को जुमला कह दिया , भ्रस्टाचार को जुमला कह दिया , अब सारी भ्रस्ताचारी भाजपा में शरण ले रहे है , गाय का मीत खाने की आजादी भी मिल गई है स्मार्ट सिटी , बुलेट ट्रेन , डिजिटल इंडिया , स्टार्टअप इंडिया , स्किल इंडिया मोदी की तमाम योजनाये फ्लॉप हो चुकी है इसलिए मोदी की गारंटी सिर्फ बकलोली करने की हो सकती है ,क्योकि मोदी जी बातो का हलवा बनाना न खूब जानते है
जिसमे देशी घी और काजू बादाम अधिक मात्रा में होते है और लोग सोचते है कि एक दिन ये हलवा खाने को जरूर मिलेगा
लाखो स्कूल बंद हो चुके है टीचर्स की भर्ती नहीं ,रोजगार नहीं कुछ नहीं केवल वादों पर ख्यालो में इंसान कब तक जिन्दा रह सकता है ?
भाजपा का वोट मांगने का सिर्फ ये दो चार तरीके है हिन्दू मुस्लिम , राम के नाम पर वैसे ही जैसे भिखारी राम के नाम पर पैसा मांगता है वैसे ही भाजपा वोट मांगती है एक है राष्ट्रवाद लेकिन गलवान घाटी और पुलवामा की शर्मनाक घटना से ये अब राष्ट्रवाद नहीं फैला रहे है , हाँ मोदी जी कभी भी किसी भी चीज को भुनाने में कसर नहीं छोड़ते इन्होने पुलवामा के शहीदों के नाम पर भी वोट मांगे है