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Smart City स्मार्ट सिटी ,मोदी की गारंटी या जुमला ? स्मार्ट सिटी : स्मार्ट घोटाला

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने चुनाव से पहले अपने चुनावी भाषणों और वादों से लोगो को इतना प्रभावित किया कि जो लोग भाजपा के पक्ष में भी नहीं थे उन्होंने भी भाजपा को ये सोच कर वोट दिया कि शायद भारत की तकदीर सवरने वाली है उनमे से मोदी का एक वादा था स्मार्ट सिटी , जी हाँ स्मार्ट सिटी नाम सुनकर ही ऐसा लगता है कि टेक्नोलॉजी की मदद से हमारी जिन्दगी बहुत आसान और सुगम हो जाएगी लेकिन लोगो को क्या पता था कि मोदी के सभी वादों की तरह ये भी एक जूमला ही निकलेगा

भारत की वर्तमान जनसंख्या का लगभग 31% को शहरों में बसता है और इनका सकल घरेलू उत्पाद में 63% (जनगणना 2011) का योगदान हैं। ऐसी उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक शहरी क्षेत्रों में भारत की आबादी का 40% रहेगा और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 75% का होगा । इसके लिए भौतिक, संस्थागत, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास की आवश्यकता है।

.स्मार्ट सिटी Smart City  में जो काम होने थे वो इस प्रकार है  पर्याप्त पानी की आपूर्ति . निश्चित विद्युत आपूर्ति  ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता  कुशल शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन  किफायती आवास, विशेष रूप से गरीबों के लिए  सुदृढ़ आई टी कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण  सुशासन, विशेष रूप से ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी  टिकाऊ पर्यावरण  नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की सुरक्षा, और स्वास्थ्य और शिक्षा और इस लक्ष्य को पाने की अवधि  इस मिशन में 100 शहरों को शामिल किया जाना था  और इसकी अवधि पांच साल (वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2019-20) की रखी गई थी लेकिन आज २०२४ चल रहा  है और स्मार्ट सिटी की कोई बात भी नहीं हो रही है वो तो छोडो मोदी सरकार ने जो लोगो के पास छोटे मोटे घर थे , झोपडी थी उनको भी तोडना शुरू कर दिया है , पिछले तीन सालो में जिस तरह देश के अलग अलग हिस्सों में बुलडोजर चलाया गया है उससे लगता है की मोदी सरकार का  मकसद केवल गरीबो को उजाड़ना  है ये कहा न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रिय अध्यक्ष श्री अरुण माजी ने

केंद्र सरकार द्वारा मिशन को पांच साल में 48,000 करोड़ रुपये, करीब प्रति वर्ष प्रति शहर 100 करोड़ रुपये औसत वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन अब ये फण्ड ये योजना कहा है पता नहीं ऐसा लगता है बुलेट ट्रेन में बैठ कर यह योजना विश्व भ्रमण पर गई है

Helpless Son Ties Mother's Body To Bike In Madhya Pradesh

अब  जरा इस खबर पर देखे जालंधर Jalndhar नगर निगम में स्मार्ट सिटी के नाम पर हुए बड़े घोटाले का मामला केंद्र सरकार के पास पहुंच गया है। दरअसल, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मानवीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पूरी को पत्र लिख कर उक्त मामले की सख्त कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि इस घोटाले में पंजाब सरकार की मिली भगत दिखाई दे रही है।

हरियाणा स्मार्ट सिटी घोटाला  Haryana Smart City हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान केंद्र द्वारा घोषित किए गए स्मार्ट सिटी – फरीदाबाद और करनाल में विकास कार्यों में धांधली के आरोप असंध विधायक शमशेर सिंह गोगी ने लगाए। उन्होंने जब करनाल में अधिकांश विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कड़ी आपत्ति जताई। करनाल सीएम का निर्वाचन जिला है। सीएम ने कहा, अगर किसी भी मामले में भ्रष्टाचार की शिकायत है तो लिखित में दें। सरकार हर मामले की जांच करवाएगी।

पिछले वर्ष गोवा में भी ऐसा ही मामला सामने आया था कांग्रेस ने पणजी स्मार्ट सिटी परियोजना पर गंभीर आरोप लगाए  । उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत घटिया काम हुआ है और इसके बोर्ड के सदस्यों ने 1140 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। साथ ही कहा कि योजना के नाम पर पैसे की लूट हो रही है।

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Brothers carry sister's body on bicycle to cremation ground - OrissaPOST

 इसी तरह भोपाल में  भी स्मार्ट सिटी का घोटाला Smart City scam प्रकाश में आया जिसमे स्मार्ट सिटी एरिया में 100 एकड़ जमीन की करीब 1500 करोड़ में की नीलामी की जा रही है. नीलामी प्रक्रिया में गड़बड़ी और घोटाले की शिकायत EOW में की गई थी. ईओडब्ल्यू की प्राथमिक जांच में जमीन नीलामी में गड़बड़ी के सबूत मिले हैं. टीटी नगर एरिया के प्लाट नंबर 79 (ए), 80 और 83 की बिक्री में गड़बड़ी की बात कही गई है. इनका बेसिक प्राइस 63. 80 करोड़, 70.75 करोड़ और 73.96 करोड़ रुपए रखा गया था.

इसके बाद सरकार ने स्मार्ट सिटी के सीईओ आईएएस अफसर आदित्य सिंह  को हटा दिया

इसी तरह के और भी बहुत घोटाले है लेकिन सबसे बड़े कमाल की बात ये है की इतने सारे घोटाले हुए करोड़ो रुपया खर्च कर दिया गया लेकिन किसी की भी जांच नहीं हो रही है क्योकि पैसा तो खर्च हुआ लेकिन सिटी के किसी स्मार्ट वर्क में नहीं स्मार्ट भ्रस्टाचार में

BJP First List : हार के डर से भयभीत मोदी ,चुन नहीं पा रहे प्रत्याशी NDPI ,  भाजपा की पहली लिस्ट  डर या रणनिति  ?

नई दिल्ली :  भाजपा  BJP ने अपनी  लोकसभा चुनाव Loksabha Election 2024  के लिए पहली लिस्ट जारी कर दी है लेकिन  जो मोदी  चार सौ पार का दावा कर रहे है उनके पास चुनाव लड़ने के लिए अभी तक बहमत के आंकड़े यानी 272 सीट पर प्रत्याशी नहीं मिल रहे है जिन लोगो को टिकट मिले है उनमे से कई प्रत्याशियो के टिकट काट कर मिले है तो जाहिर है की मोदी में इस वक्त हार का डर इतना समाया हुआ  है

कि उन्हें एक एक प्रत्याशी को रात रात भर   प्रत्याशियो पर चर्चा करनी पढ़ रही है

इस वक्त मोदी  के खिलाफ पुरे देश में एक विरोधी लहर चल रही है ,उनके मंत्री नाकारा साबित हुए है उन्होंने मोदी की तरह सिर्फ जुमलेबाजी की है यहाँ तक की संसद में गाली गलोच  का माहौल बनाया  संसद की अवमानना की और  बावजूद इसके सरकार की तरफ से नैतिक तौर पर भी इन सांसदों के खिलाफ कुछ नहीं किया गया , चाहे प्रवेश शर्मा  हो , रमेश विधूड़ी हो  जिन्होंने भरी संसद में बसपा सांसद दानिश अली को गालियाँ दी लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई

काम के नाम पर मोदी ने सिर्फ जुमलेबाजी की  और सिर्फ अपने आका मित्रो को यानी अम्बानी और अडानी को फायदा पहुचाया ,

मोदी सरकार ई वी एम् और विज्ञापन की सरकार है और मोदी का प्रधानमंत्री होना ही इस देश के लिए शर्म की बात है क्योकि मोदी सरकार काल में इस देश को पूरी

 दुनिया में शर्मिंदा होना पढ़ा है , ये बात कही है   न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया  (NDPI) के अध्यक्ष डॉ. एडवोकेट अरुण माजी का  , इन्होने आगे कहा मोदी नाम तबाही है , इसने गरीबो , किसानो , मजदूरों , मध्यम वर्ग , नौकरी पेशा लोगो को बर्बाद कर दिया है

हवाई चप्पल वालो को प्लेन में सफ़र कराने के नाम पर गरीबो से  कम  किराए पर मिलने वाली ट्रेन भी छीन ली   है , पूर्व की योजनाओं का नाम बदल कर देश को सिर्फ मुर्ख बना रहे है मोदी

  गरीबो के लिए शिक्षा को खत्म करते जा रहे है मोदी भाजपा  शासित प्रदेशो में  दो लाखो से ज्यादा शिक्षको की कमी है केवल उत्तर प्रदेश में देड लाख  स्कूल शिक्षक चाहिए और सरकार ने साफ़ कहा है हम भारती नहीं करेंगे  सरकारी स्कूल अनुदेशक और शिक्षामित्र के दम पर चल रहे है न की प्रॉपर ट्रेंड टीचर है वहां

देश में तीस करोड़ से ज्यादा बेरोजगार  unemployment लोग है , खुद सरकार अस्सी करोड़ लोगो को रोजगार देने की जगह उन्हें मुफ्त राशन बाँट रही है यानी अगले टर्म में भी भाजपा इन गरीबो के लिए कुछ नहीं कर पाएगी , सडक से लेकर भारत के हिस्से का आसमान तक अम्बानी अडानी के कब्जे में आ गया है

नोट्बंदी ,जी एस टी , कोरोना काल covid19, GST , Demonetization  के दौरान मोदी सरकार की गलत नीतिओ से देश पतन के गर्त में चला गया है , दुनिया में भारत के रूपये की कीमत लगातार गिरती जा रही है  ,देश की अर्थ्वाव्य्स्था लगातार गिरती जा रही है , जी डी पी GDP के नाम पर देश को गुमराह कर रही है मोदी सरकार

यहाँ तक की मोदी सरकार ने देश के सविंधान पर लगातार हमला किया है चाहे नागरिकता कानून हो सेना में चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ की बात हो ,  सूचना आयुक्त हो , चुनाव आयोग के चीफ ऑफिसर की बात हो , नागरिकता कानून हो संसद में सैंगोल की स्थापना हो और एक प्रधानमंत्री के रूप में राम मंदिर का  उद्घाटन हो  हर तरीके से नरेंदर मोदी ने इस देश को लोकतंत्र को शर्मिंदा किया है .  डॉ. अरुण माजी  ने NDPI New Democratic Party of India  कहा

सामान्यत ये कहा जा रहा है कि इस बार मोदी सरकार सोच समझ कर  जातिय समीकरण दिमाग में रख कर टिकट जारी कर रही है , एस सी /एस टी , ओ बी सी SC/ST/OBC  महिलाए सभी को जगह दी जा रही है और मोदी सरकार कोई  रिस्क नहीं लेना चाहती इसलिए टिकट बटवारे में टाइम लगा रही है

भाजपा  और भाजपा के सांसद  और खुद मोदी जितना धर्म के आधार पर ध्रुविक्ररण कर सकते थे इन्होने किया है मीडिया की साहयता से राम मंदिर को खूब उछालने की कोशिश की गई  है , आंकड़ो की धोखाधड़ी भी मोदी सरकार खूब कर रही है इसलिए सरकारी पैसे से चलने वाले विज्ञापनों पर अभी तक रोक नहीं लगाई गई है और उसमे पुरानी योजनाये जो फ्लॉप हो चुकी है या जिनका कोई वजूद नहीं है  उनके भी विज्ञापन दिखाए जा रहे है ताकि विपक्ष और आम लोगो को गुमराह किया जा सके

वैसे अभी तक मोदी की योजनाये सब जुमले ही साबित हुई है और आम आदमी मोदी की लफ्फाजी सुन सुन कर परेशान हो चुके है

Rampur : उत्तर प्रदेश में  जानवर  से भी बदतर दलितों के हालत , दलित छात्र की पुलिस द्वारा गोली मार हत्या !

रामपुर में तथाकथित रूप से सरकारी जमीन पर डॉ. आंबेडकर का बोर्ड लगाने को लेकर  पुलिस और  दलित ग्रामीणों में बहस होने पर पुलिस द्वारा गोली चली जिसमे एक दलित युवक की मौत हो गई

इसके बाद कथित रूप से पुलिस  इस दलित युवक का  शव भी जला दिया जिसे आम भाषा में अंतिम संस्कार भी कहते है

 बताया जाता है  सिलई बड़ा गांव में मंगलवार शाम मिलक के उपजिलाधिकारी अमन देवल पुलिस फोर्स के साथ आंबेडकर का बोर्ड हटाने गए थे। यह बोर्ड खाद के गडढों की जमीन में लगा है। जैसे ही जेसीबी लेकर बोर्ड के पास पहुंचे तो दलित समुदाय के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। कुर्मी जाति के लोग भी मौके पर आ गए। दोनों पक्षों में काफी देर तक पथराव हुआ। पुलिस और होमगार्ड ने भी फायरिंग की, जिससे

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Bheem Army Chandershekhar Meet the Family of Dalit Boy who was killed in Rampur over a clash on removing Dr. Ambedkar Sign Board

हाईस्कूल के छात्र सुमेश की मृत्यु हो गई और दो युवक घायल हो गए। इसके विरोध में दलित समुदाय के लोगों नेे हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस को शव नहीं उठाने दिया।

 स्थानीय मीडिया के अनुसार इस पर जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह और पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी फिर गांव पहुंचे। भाजपा के जिलाध्यक्ष हंसराज पप्पू और राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने भी गांव पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया। तब दोपहर बाद अंतिम संस्कार हो सका। जिलाधिकारी ने बताया कि जिन मांगों को हम पूरा कर सकते हैं, उन्हें हम करेंगे और जो मांगें हम पूरी नहीं कर सकते उनके बारे में उच्चाधिकारियों से बात करेंगे। एसडीएम को तहसील से हटा दिया गया है, जबकि रामपुर विकास प्राधिकरण का विशेष कार्य देख रहे डिप्टी कलक्टर राजेश कुमार को मिलक का एसडीएम बनाया गया है।

लेकिन स्थानीय पीड़ित समुदाय का मानना है की युवक के शव को जबरदस्ती जलाया गया है  और यह हाथरस जैसा ही काण्ड है जिसमे दलित लड़की को जबरदस्ती प्रशासन ने जला दिया

Bheem Army Chandershekhar Meet the Family of Dalit Boy who was killed in Rampur over a clash on removing Dr. Ambedkar Sign Board

इस मौके पर  आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष श्री चंदरशेखर भी घटनास्थल पर पहुचे  जिनके साथ पुलिस ने कोई अच्छा वव्हार नहीं किया बाद में पीड़ित परिवार के साथ मिल कर चंदरशेखर ने प्रशासन को एक ज्ञापन भी दिया जिसमे निम्न मांगे रखी

1 –  मामले की न्यायिक जांच हो।

2 – मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले।

3 – घटना में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई हो।

3 – रिपोर्ट के अनुसार दोषियों को गिरफ्तार कर जेल में डाला जाये।

4 – पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद व एक सरकारी नौकरी दी जाए।

5 – अंबेडकर पार्क को शीघ्र बनाये जाने की अनुमति एवम् सरकारी निधि से सौंदर्यीकरण व मृतक की प्रतिमा पार्क में लगाई जाए।

6 – सभी घायलों के बेहतर ईलाज की व्यवस्था और इन्हे भी आर्थिक मदद दी जाये।

 

‘RamPur Uttar pradesh , A Dalit Youth killed over the clash on removing’s the sign board of Dr. Ambedkar

भाजपा के होंसले पस्त, करारी हार का डर , नहीं भरोसा देश को मोदी की गारंटी वाले जुमले पर

देश का माहौल खुद बता रहा है कि भाजपा इस बार कुछ भी कर ले लेकिन लोकसभा चुनाव में इसको बहुमत नहीं मिलेगा  , कई राज्यों में छोटी छोटी संस्थाओं द्वारा किये गए सर्वे खुद बताते है कि इस बार भाजपा को चालीस सीट से ज्यादा सिर्फ एक शर्त पर मिलेंगी  वो ये है कि ई वी एम् का इस्तेमाल किया जाए अन्यथा  और कोई वजह नहीं . हलांकि एक अच्छे योद्धा और लीडर की तरह मोदी जी ये बात कह रहे है कि इस बार चार सौ पार .. लेकिन उनके खुद के मन में ये है की इस बार सत्ता से बाहर क्योकि देश में भाजपा शासन काल में जिस अफरा तफरी का अराजकता का , माहौल रहा है वो देश के आम नागरिको को गवारा नहीं है

 

२०१४ में मोब लिंचिंग , गोआतंक  नोट्बंदी  , जी एस टी , पुलवामा हमला गलवान घाटी , चीन का भारतीय जमीन पर कब्जा  गरीबी , महंगाई , बेरोजगारी , किसान आन्दोलन , सब मुद्दे  चुनाव से गायब है , इकॉनमी के नाम पर एक बार फिर देश को मुर्ख बनाते हुए  मोदी जी कह रहे है  २०२९ में दस ट्रिलियन की इकॉनमी हो जाएगी . मोदी जी जानते है कि उनकी इस बात पर कम से कम  देश के अनपढ़ ,मंद्बुधि  भक्त जरूर विशवास  लेंगे

इसे भी पढ़े https://townhalltimes.com/electoral-bond-hacking-the-democracy-sirf-moulik-adhikar-nahi-desh-aur-loktantra-par-bhi-daka-dala-bhaajpa-ne/हैकिंग द डेमोक्रेसी, सिर्फ मौलिक अधिकार नहीं , देश और लोकतंत्र पर डाका डाला भाजपा ने !

लेकिन अगर हम इनके चुनाव अभियान पर नजर डाले  तो ये ही नज़र आता है कि हिन्दू मुस्लिम , राम मंदिर , और समान नागरिक सहिंता को ये दुबारा अपना हथियार बनायेंगे

प्रचार से भाजपा गायब इस बार चुनाव प्रचार में जो अपने शुरूआती दौर में दिख रहा है कि भाजपा एक बार फिर मोदी के नाम को इस्तेमाल करेगी यानी बाकी भाजपा और भाजपाई सीन से गायब है भाजपा की नीतियाँ गायब है केवल मोदी की गारंटी ,मोदी सरकार  शब्द का इस्तेमाल और प्रचार किया जा रहा है ऐसा लगता है चुनाव केवल मोदी जी लड़ रहे है और भाजपा के सारे लोग उनके पिछलग्गू है

लेकिन मोदी पर लोग कैसे विशवास करे , पंद्रह लाख को जुमला कह दिया , भ्रस्टाचार को जुमला कह दिया , अब सारी भ्रस्ताचारी भाजपा में शरण ले रहे है , गाय का मीत खाने की आजादी भी मिल गई है स्मार्ट सिटी , बुलेट ट्रेन , डिजिटल इंडिया , स्टार्टअप इंडिया , स्किल इंडिया  मोदी की तमाम योजनाये फ्लॉप हो चुकी है इसलिए मोदी की गारंटी सिर्फ  बकलोली करने की हो सकती है ,क्योकि मोदी जी बातो का हलवा बनाना न खूब जानते है

जिसमे देशी घी और काजू बादाम अधिक मात्रा में होते है और लोग सोचते है कि एक दिन  ये हलवा खाने को जरूर मिलेगा

लाखो स्कूल बंद हो चुके है टीचर्स की भर्ती नहीं ,रोजगार नहीं कुछ नहीं केवल वादों पर ख्यालो में इंसान कब तक जिन्दा रह सकता है ?

भाजपा का वोट मांगने का सिर्फ ये दो चार तरीके है हिन्दू मुस्लिम , राम के नाम पर वैसे ही जैसे भिखारी राम के नाम पर पैसा मांगता है वैसे ही भाजपा वोट मांगती है   एक है राष्ट्रवाद लेकिन गलवान  घाटी और पुलवामा की शर्मनाक घटना  से ये अब राष्ट्रवाद नहीं फैला रहे है , हाँ मोदी जी कभी भी किसी भी चीज को भुनाने में कसर नहीं छोड़ते इन्होने पुलवामा के शहीदों के नाम पर भी वोट मांगे है

भाजपा के होंसले पस्त, करारी हार का डर , नहीं भरोसा देश को मोदी की गारंटी  वाले जुमले पर 40 से ज्यादा सीट केवल ईवीएम से

देश का माहौल खुद बता रहा है कि भाजपा इस बार कुछ भी कर ले लेकिन लोकसभा चुनाव में इसको बहुमत नहीं मिलेगा  , कई राज्यों में छोटी छोटी संस्थाओं द्वारा किये गए सर्वे खुद बताते है कि इस बार भाजपा को चालीस सीट से ज्यादा सिर्फ एक शर्त पर मिलेंगी  वो ये है कि ई वी एम् का इस्तेमाल किया जाए अन्यथा  और कोई वजह नहीं . हलांकि एक अच्छे योद्धा और लीडर की तरह मोदी जी ये बात कह रहे है कि इस बार चार सौ पार .. लेकिन उनके खुद के मन में ये है की इस बार सत्ता से बाहर क्योकि देश में भाजपा शासन काल में जिस अफरा तफरी का अराजकता का , माहौल रहा है वो देश के आम नागरिको को गवारा नहीं है

 

२०१४ में मोब लिंचिंग , गोआतंक  नोट्बंदी  , जी एस टी , पुलवामा हमला गलवान घाटी , चीन का भारतीय जमीन पर कब्जा  गरीबी , महंगाई , बेरोजगारी , किसान आन्दोलन , सब मुद्दे  चुनाव से गायब है , इकॉनमी के नाम पर एक बार फिर देश को मुर्ख बनाते हुए  मोदी जी कह रहे है  २०२९ में दस ट्रिलियन की इकॉनमी हो जाएगी . मोदी जी जानते है कि उनकी इस बात पर कम से कम  देश के अनपढ़ ,मंद्बुधि  भक्त जरूर विशवास  लेंगे

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लेकिन अगर हम इनके चुनाव अभियान पर नजर डाले  तो ये ही नज़र आता है कि हिन्दू मुस्लिम , राम मंदिर , और समान नागरिक सहिंता को ये दुबारा अपना हथियार बनायेंगे

प्रचार से भाजपा गायब इस बार चुनाव प्रचार में जो अपने शुरूआती दौर में दिख रहा है कि भाजपा एक बार फिर मोदी के नाम को इस्तेमाल करेगी यानी बाकी भाजपा और भाजपाई सीन से गायब है भाजपा की नीतियाँ गायब है केवल मोदी की गारंटी ,मोदी सरकार  शब्द का इस्तेमाल और प्रचार किया जा रहा है ऐसा लगता है चुनाव केवल मोदी जी लड़ रहे है और भाजपा के सारे लोग उनके पिछलग्गू है

लेकिन मोदी पर लोग कैसे विशवास करे , पंद्रह लाख को जुमला कह दिया , भ्रस्टाचार को जुमला कह दिया , अब सारी भ्रस्ताचारी भाजपा में शरण ले रहे है , गाय का मीत खाने की आजादी भी मिल गई है स्मार्ट सिटी , बुलेट ट्रेन , डिजिटल इंडिया , स्टार्टअप इंडिया , स्किल इंडिया  मोदी की तमाम योजनाये फ्लॉप हो चुकी है इसलिए मोदी की गारंटी सिर्फ  बकलोली करने की हो सकती है ,क्योकि मोदी जी बातो का हलवा बनाना न खूब जानते है

जिसमे देशी घी और काजू बादाम अधिक मात्रा में होते है और लोग सोचते है कि एक दिन  ये हलवा खाने को जरूर मिलेगा

लाखो स्कूल बंद हो चुके है टीचर्स की भर्ती नहीं ,रोजगार नहीं कुछ नहीं केवल वादों पर ख्यालो में इंसान कब तक जिन्दा रह सकता है ?

भाजपा का वोट मांगने का सिर्फ ये दो चार तरीके है हिन्दू मुस्लिम , राम के नाम पर वैसे ही जैसे भिखारी राम के नाम पर पैसा मांगता है वैसे ही भाजपा वोट मांगती है   एक है राष्ट्रवाद लेकिन गलवान  घाटी और पुलवामा की शर्मनाक घटना  से ये अब राष्ट्रवाद नहीं फैला रहे है , हाँ मोदी जी कभी भी किसी भी चीज को भुनाने में कसर नहीं छोड़ते इन्होने पुलवामा के शहीदों के नाम पर भी वोट मांगे है

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स और मंगोलिया के इंटरमेड हॉस्पिटल ने बहु-वर्षीय समझौता किया

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स और मंगोलिया के इंटरमेड हॉस्पिटल ने बहु-वर्षीय समझौता किया

नई दिल्ली: गुरुवार, 22 फरवरी, 2024: मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, भारत ने मंगोलिया में सभी सुविधाओं वाले पहले ‘कार्डिएक साइंसेज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की स्थापना के लिए ‘क्लिनिकल कॉरिडोर’ की अवधारणा के तहत इंटरमेड हॉस्पिटल, मंगोलिया के साथ समझौता किया है, और यह साझेदारी आने वाले कई वर्षों तक जारी रहेगी। इस अभूतपूर्व पहल का उद्देश्य मंगोलिया की आबादी को दिल की सेहत से जुड़ी समस्याओं के लिए अत्याधुनिक उपचार उपलब्ध कराना है। नई राह दिखाने वाली यह कोशिश, सही मायने में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि और मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं ग्रुप सीईओ, डॉ. राजीव सिंघल इसकी कमान संभालेंगे।

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जेसीआई से तीन बार मान्यता प्राप्त करने वाले तथा अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा अनुमोदन का गौरव हासिल करने वाले मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल द्वारा अस्पताल के चीफ कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. अनीश चंद्राना और चीफ कार्डिएक एंड हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जन, डॉ. धीरेन शाह के नेतृत्व में मंगोलिया के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की रूपरेखा तैयार की जाएगी। ग्लोबल केयर कंसल्टिंग ने इस साझेदारी में मध्यस्थता की थी।

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मंगोलिया में राष्ट्रीय स्तर के सबसे बड़े व्यावसायिक समूहों एमसीएस ग्रुप, शुंखलाई ग्रुप और एनर्जी रिसोर्सेज एलएलसी द्वारा सामाजिक जिम्मेदारी के तहत इंटरमेड हॉस्पिटल की स्थापना की गई थी, जो अत्याधुनिक सुविधाओं वाला अस्पताल होने के साथ-साथ देश में जेसीआई से मान्यता प्राप्त एकमात्र अस्पताल भी है। अस्पताल ने अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए एक विस्तार परियोजना की रूपरेखा भी तैयार की है, जिसे 2024 तक पूरा किया जाएगा। इसके पूरा होने के बाद अस्पताल हर साल भर्ती होने वाले 15,000 से अधिक मरीजों और 5 लाख से अधिक बाह्य रोगियों की सेवा करने में सक्षम हो जाएगा।

डॉ. राजीव सिंघल, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं ग्रुप सीईओ, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स कहते हैं, “हर इंसान की ज़िंदगी महत्वपूर्ण है, हर मिनट मायने रखता है। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने इंटरमेड हॉस्पिटल को मंगोलिया में दिल की बीमारियों के इलाज के लिए सभी सुविधाओं वाले ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के तौर पर विकसित करने का संकल्प लिया है।

इसका उद्देश्य मंगोलिया के लोगों के लिए अलग-अलग तरह की सर्जरी को सुलभ बनाना है, जिसमें एंजियोप्लास्टी, वाल्व सर्जरी, ईपी प्रक्रियाएं, ट्रिपल वेसल से सीएबीजी सर्जरी, टीएवीआई और हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी शामिल हैं। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स  यानी सिखाना, ट्रेनिंग देना और उपचार करना को सबसे ज्यादा अहमियत देता है, जो प्रशिक्षण की पहलों और विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सहयोग के माध्यम से दिल की बीमारियों को देखभाल में अपने भागीदार अस्पतालों की कुशलता बढ़ाने के हमारे इरादे के अनुरूप है।”

श्रीमान न्यामतोगतोख या, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर- इंटरमेड हॉस्पिटल, मंगोलिया कहते हैं, “मंगोलिया का प्रमुख निजी अस्पताल होने के नाते, इंटरमेड हॉस्पिटल हमारे देश के सामने लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी सबसे बड़ी चुनौती, यानी दिल की बीमारियों के समाधान के लिए इरादे पर अटल है। हम मंगोलिया के लोगों की जान बचाने और उनकी सेहत व तंदुरुस्ती में सुधार लाने के अपने मिशन के तहत एक अत्याधुनिक कार्डियोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करना चाहते हैं।

यह केंद्र अत्याधुनिक उपचार सुविधाएँ प्रदान करेगा, जो फिलहाल हमारे देश में बड़े पैमाने पर उपलब्ध नहीं है। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल के साथ हमारी यह साझेदारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्डिएक साइंसेज में उनकी विशेषज्ञता के ज़रिये, हम मंगोलिया में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्डिएक केयर उपलब्ध कराएंगे, जिससे हमारे नागरिकों को विदेश जाकर अपना इलाज कराने की जरूरत कम हो जाएगी। हम इस उद्देश्य को पूरा करने के इरादे पर अटल हैं और हमें पूरा यकीन है कि हमारी इन कोशिशों का हमारे देश के स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा।”

ग्लोबलकेयर कंसल्टिंग के एमडी एवं संस्थापक, श्री राजीव तनेजा कहते हैं, “ग्लोबलकेयर कंसल्टिंग अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने में विशेषज्ञ है। हेल्थकेयर कंसल्टेंट्स के रूप में, हमारी सेवाओं का एक महत्वपूर्ण घटक विश्वव्यापी स्वास्थ्य सेवाओं का एक वृत्तांत बनाना है, और हम इस पहल में शामिल होने पर गर्व महसूस करते हैं, जिसे मरेंगो एशिया हॉस्पिटल्स द्वारा निर्देशित किया गया है।”

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त करने पर विशेष ध्यान देते हुए, दिल की बीमारियों के इलाज हेतु बेहतर सेवाओं की पेशकश के लिए उपयुक्त एक विशेष इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने तथा चिकित्सा शिक्षा सत्रों एवं क्वालिटी कॉन्क्लेव का लगातार आयोजन करने में भी इंटरमेड हॉस्पिटल की सहायता करेगा।

 

Electoral Bond :हैकिंग द डेमोक्रेसी, सिर्फ मौलिक अधिकार नहीं , देश और लोकतंत्र पर डाका डाला भाजपा ने !

     नई दिल्ली : कल ही देश के सुप्रीम कोर्ट ने  राजनैतिक पार्टियो को दिए जाने वाले  एलेक्ट्रोल बांड   के जरिये दिए जाने वाले राजनैतिक चंदे को रद्द कर दिया  कोर्ट ना कहा कि ये देश के नागरिको के मौलिक अधिकार का हनन करती है अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट नेकहा कि यह स्कीम सूचना के अधिकार और संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत

बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है। सर्वोच्च अदालत ने चुनावी बॉन्ड योजना लाने के लिए

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और आयकर कानूनों सहित विभिन्न कानूनों में किए गए संशोधनों को भी अवैध ठहरा दिया। इलेक्टोरल बॉन्ड के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया था कि यह सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। इसके साथ ही यह

भी कहा गया था कि कॉर्पोरेट फंडिंग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के खिलाफ है।

देश में ऐसी अटकले है जिसकी बात विदेशो में बैठी कुछ एजेंसियां भी करती है कि भाजपा ने 2014 का लोकसभा चुनाव ई वी एम् और भ्रामक विज्ञापन के जरिये जीता  था और इसमें लगभग सत्ताईस हजार करोड़ का एक आंकड़ा था भाजपा का चुनाव खर्चे का  इस तरह भाजपा ने न सिर्फ चुनाव जीता बल्कि देश के लोकतंत्र पर ही डाका डाल दिया  और लोकतंत्र को हैक कर लिया

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हलांकि अपने देश के लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की लूट का अहसास सभी पार्टियो और आम आदमी को धीरे धीरे होने लगा  था   कि हमने तो एक अच्छे प्रशासन की उम्मीद की थी अच्छे दिन की उम्मीद की थी लेकिन नरेंदर मोदी के भाषण , झूट , और देश में बढती भाजपाई नेताओं की अराजकता , भाजपा गुंडों का कभी गाय के नाम पर कभी हिन्दू राष्ट्र के नाम पर आतंक बढ़ता जा रहा था  ऐसा कही से भी एक आम आदमी को जो जरा भी संजीदा और पढ़ा लिखा था उसको नरेंदर मोदी एक प्रधानमंत्री लगता था  हर व्यक्ति को ऐसा लगता  है कि ये कोई प्रधानमंत्री न हो कर किसी गैंग का डॉन है

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इलेक्टोरल बॉन्ड क्या है? 

नब्बे प्रतिशत से ज्यादा इलेक्टोरल बांड केवल भाजपा के खाते में आये 

चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दिया जाता है। इसकी व्यवस्था पहली बार वित्त मंत्री ने 2017-2018 के  केंद्रीय बजट मेंकी थी। इसके बाद 29 जनवरी 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लाई गई। इसके तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

की चुनिंदा शाखा से भारत का कोई भी व्यक्ति या कंपनी एक हजार, 10 हजार, एक लाख और एक करोड़ रुपये के गुणांक में बॉन्ड्स खरीदकर अपनी पसंद की पार्टी को दान दे सकता था। इसमें शर्त यह थी कि इसे उन्हीं अकाउंट्स के जरिए खरीदा जा सकता था, जिनमें केवाईसी की जानकारी पूरी हो  एसबीआई से बॉन्ड्स खरीदनेके 15 दिनों के अंदर इसका इस्तेमाल

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के सेक्शन 29 ए के तहत पंजीकृत राजनीतिक दलों को दान देनेके लिए करना होता था। हालांकि,केवल उन्हीं राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरियेचंदा दिया जा सकता है, जिन्होंने सबसे ताजा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में डाले गए वोटों का कम-से-कम एक प्रतिशत वोट हासिल किया हो।

ये बाते लोगो के मन में घर कर ही रही थी कि 2019 के चुनाव की भी भाजपा ने लूट कर ली  इसके बड तो गरीबी, महंगाई , बेरोजगारी , सुशासन तो छोड़ दो उसेक बाद से तो अराजकता की कोई सीमा ही नहीं रही है और अब भी भाजपा  ई वी एम् के दम से चुनाव जितने की फिराक में है लेकिन देश के जागरूक नागरिको ने भाजपा को मिलने वाले इलेक्ट्रोल बांड का जब खुलासा करवाया तो आज पूरा देश हैरान हो गया है कि किस तरह पुरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशो से भी सम्बन्ध रखने वाले कॉर्पोरेट घराने कैसे भाजपा को  एलेक्ट्रोल  बांड  के रूप में  चुनावी चंदे दे रही है और  सरकार को अपने इशारे पर नचा रही है , अम्बानी , अडानी टाटा कोटक बजाज , बिरला  और ऐसे ही लोगो के हितो में सरकार काम कर रही है  ओक्सफेम की रिपोर्ट ने भी यह साबित कर दिया है कि भारत के लोगो को कुछ गिने चुने पूंजीपतियो ने कंगाल बना दिया है और सारी पूंजी इन्ही पूंजीपतियो के पास जमा हो गई है , गरीबी , महंगाई , अशिक्षा  लगातार बढती जा रही है

आज पुरे देश में सरकार के खिलाफ ई वी एम् को लेकर आन्दोलन हो रहे है लेकिन चुनाव आयोग  सरकार के दिए तर्क बता कर चुनाव ई वी एम् से ही कराना चाहता है जिसका मतलब होगा  देश के लोकतंत्र को एक बार फिर से हैक कर  लेना

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काम न  आएगा मंदिर का मुद्दा 2024 चुनाव में ! भाजपा को न मिलेंगी चालीस से ज्यादा सीट : सर्वे

  नई दिल्ली : 2024 का चुनाव भाजपा के लिए बहुत महत्त्व रखता है क्योकि यही वो चुनाव है जिसके जरिये  आर एस एस की स्थापना की शताब्दी पर भाजपा भारत को एक  हिन्दू राष्ट्र घोषित करेगी , वर्तमान सविंधान जो पहले से ही घायल है इसको इसकी पूर्ण मृत्यु सैय्या पर पहुचा देगी , देश में  भाजपा का आतंक स्थापित हो जाएगा , सारी की सारी सविन्धानिक संस्थाए पूर्ण रूप से भाजपा की गुलाम हो जाएंगी , सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट जज  जज नहीं बल्कि शंकराचार्य टाइप कोई पंडा बैठेगा , संसद में सैंगोल को लेकर एक पंडा पूजा करेगा और जो कोई भी सरकार के खिलाफ बोलेगा इस सैंगोल से उस व्यक्ति को अपमानित किया जाएगा इसलिए ये चुनाव भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यही वजह है खुद भाजपा बहुत  दहशत में है

उपरी तौर पर दिखाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एलेक्ट्रोल बांड पर बैन लगा कर यह दिखाने की कोशिश की है कि सुप्रीम कोर्ट निष्पक्ष है लेकिन ये सब नोटंकी है ऐसा खुद सुप्रीम कोर्ट के कई वकील कहते है

भाजपा २०१४ का चुनाव गरीबी , महंगाई बेरोजगारी , काला धन के मुद्दों पर आई थी लेकिन अपने सारे वादे पूरा करने में भाजपा नाकाम रही  इसलिए भाजपा ने २०१९ का चुनाव राष्ट्रवाद पर लड़ा और पाकिस्तान , चीन  , कश्मीर में शहीद हुए जवानो की लाशो के नाम पर वोट माँगा

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इस बार भी भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है और भाजपा की विफलता पुरे देश के सामने है  इसलिए मोदी राम मंदिर के नाम पर वोट माँगना चाहते है अबू धाबी में पहले स्वामी नारायण मंदिर का भी फायदा उठाना चाहती है हलांकि यह बात ध्यान रहनी चाहिए कि इस मंदिर के निर्माण के लिए 1997 से प्रयास चल रहे  थे

 

लेकिन अब सम्पन्नं हुआ है इसलिए भाजपा इसका फायदा उठाना चाहती है लेकिन मोदी जी अबू धाबी में यह नहीं बताना चाहते इन्होने देश में कैसे औरंगजेब  से भी ज्यादा खतरनाक साबित होते हुए  न जाने कितनी मस्जिदे गिरवाई है , कितनी मस्जिदों को अपवित्र किया है इसलिए भारत में मीडिया के जरिये , सोशल मीडिया के जरिये लोगो को धर्म की अफीम चटाई जा रही है ऐसा प्रचार किया जा रहा है जैसे न जाने कौनसा बड़ा काम मोदी ने कर दिया  है . जबकि मंदिर निर्माण में इनका कोई हाथ नहीं है ये बात अलग है मंदिर से जुड़े लोगो ने अपने राजनैतिक फायदे के लिए मोदी को उद्घाटन में बुला लिया

टाउन हाल टाइम्स ने  इस विषय पर कि क्या  अयोध्या     राम मंदिर मोदी को चुनाव  जिताने में काफी रहेगा ? एक व्यापक सर्वे किया  तो इसमें केवल तीस प्रतिशत लोगो ने कहा कि भाजपा को मोदी को अयोध्या राम मंदिर का थोडा बहुत लाभ मिल सकता है , लेकिन सत्तर प्रतिशत यह मानते है कि मोदी चाहे कुछ भी कर ले लेकिन  इस बार का चुनाव जितना भाजपा के लिए बहुत मुश्किल है अगर बैलेट पेपर से चुनाव होगा तो भाजपा को चालीस सीट भी नहीं मिलेंगी ,

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क्योकि मोदी ने देश को हर फ्रंट पर हर क्षेत्र में भारत को बर्बाद कर दिया है मंदिर आम लोगो का एक अध्यात्मिक मामला है इससे जीवन नहीं चलता मोदी सरकार ने गरीबो का जीना मुश्किल कर दिया है , गरीबी , महंगाई , रोजगार , बेतहासा बढती जा रही है लोगो में सुरक्षा की भावना खत्म हो गई है  आम आदमी के मन में हर वक्त एक दहशत बनी रहती है

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नागरिक अधिकारों का हनन ,और किसानो को बदनाम करने में लगी है मीडिया और  मोदी सरकार

 किसान अपराधी नहीं , स्वामीनाथन की बेटी ! क्यों रोक रही है सरकार किसानो को दिल्ली  आने से

नई दिल्ली : सविंधान में मौलिक अधिकारों का आर्टिकल इक्कीस जो देश के हर नागरिक को स्वंत्रता से एक जगह से दूसरी जगह  पर  जाने का अधिकार देता है यानी अगर एक व्यक्ति एक स्थान से दुसरे स्थान पर किसी भी वैध  कारणों से जाना चाहे तो उस पर कोई भी प्रतिबंध नहीं लग सकता , इसके अलावा सरकार या किसी भी उदेश्य के लिए अगर कोई भी व्यक्ति या सन्घठन शांतिपूर्वक पदर्शन करना चाहे या विरोध जताना  चाहे तो वह ये भी कर सकता है ये भी उसका मौलक अधिकार है

लेकिन हमने देखा है मोदी सरकार के काल में किस तरह आम नागरिको के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा  है बल्कि अगर कोई व्यक्ति अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करना चाहे तो उसी सरकार प्रताड़ित भी कर रही है

वर्तमान किसान आन्दोलन में भी ये ही हो रहा है की किसान अपने आन्दोलन के लिए अपनी मांगे मनवाने के लिए दिल्ली आना चाहते है लेकिन पंजाब हरियाणा , दिल्ली के बॉर्डर पर सरकार ने किले बिछा दी है सारे रास्ते बंद कर दिए है , चारो तरफ पुलिस लगा दी है , और हरियाणा , पंजाब के ग़ाव में पुलिस जा जा कर आम लोगो को धमका रही है कि वो इस आन्दोलन में आये तो इसके परिणाम  बुरे होंगे , जैसे की हिंदी फिल्मो  में गुंडे करते है , यही नहीं पुलिस बॉर्डर  पर आये किसानो पर आंसू गैस के गोले छोड़ रहे है जमीन से भी आसमान से भी लेकिन किसान दिल्ली जाने के लिए अडिग  है

इसी बीच सरकार बातचीत करने के लिए किसानो से कह तो  रही है लेकिन  किसानो की  मांगो को मानने के लिए तैयार नहीं है

भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर  Anurag Thakur का कहना है कि  किसानो Farmers  ने अपनी मांगो में कुछ मांगे और जोड़ ली है इसलिए उनमे अभी और वक्त लगेगा लेकिन सोचने वाली  बात ये है कि किसानो का कर्ज माफ़ करने के लिए कौनसा ज्यादा वक्त लगता है , जब की पूंजीपतियो के कर्ज एक ही दिन में माफ़ हो जाते  है   किसानो पर जो पिछले आन्दोलन के दौरान किये गए केस वापिस लेने में कितना वक्त लगेगा ? जबकि जब योगी Yogi  को अपने उपर केस खत्म करने के लिए एक घंटा भी नहीं लगा और खुद को सफ़ेद कबूतर बना लिया एक ही दिन में

या लखीमपुर खीरी  Lakheempur में टेनीपुत्र ने किसानो को कुचला था उस पर कार्यवाही की मांग को मानने के लिए कितना वक्त लगेगा ? एम् एस पी पर कानून बनाने का वायदा पिछले आन्दोलन के खत्म होने के वक्त ही किया गया था अब दो साल से ज्यादा हो गए है तो और कितना वक्त लगेगा ?

लेकिन सरकार किसानो की समस्याओं पर ध्यान न देकर किसानो को बदनाम करने में लगी है और ये कांम कर रहा है मोदी का गुलाम मीडिया  Salve Media

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मीडिया ये बता रहा है कि जो किसान है जानबूझ कर बिना किसी वाजिब कारण के दिल्ली आना चाहते है  और यह आन्दोलन राजनीती से प्रेरित लग रहा है ये कहा हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने

इसके अलावा मीडिया बता रहा है कि किसानो की  वजह से किस तरह बॉर्डर के आस पास आम लोफो को तकलीफ हो रही है  कैसे उनको काम पर आने जाने में , स्कूल आने जाने में  और रोजमर्रा के समान की  सप्लाई में दिक्कते आ रही है , लेकिन गोदी मीडिया  यह नहीं बता रहा है  या ये नहीं समझा पा रहा है कि आखिर पुलिस को बॉर्डर के चारो तरफ  बेरिकेड लगाने की चारो तरफ कीलो की चादर बिछाने की क्या जरूरत है ? क्या ये किसान किसी हिंसक घटना को अंजाम देने जा रहे है ? क्या ये कोई युद्ध करने जा रहे है ? या ये कोई अपराधी है आखिर सरकार इन किसानो को दिल्ली आने देना क्यों नहीं चाहती ? और अगर किसान दिल्ली आ जाए तो जा कर दिल्ली के रामलीला मैदान में बैठ सकते है

जिस स्वामीनाथन Swaminathan Bharat Ratan  को भारत सरकार  Govt of India ने किसानो को मुर्ख बनाने के लिए भारत रत्न दिया उनकी खुद की पुत्री मधुरा स्वामीनाथन कहती है कि सरकार का वव्हार किसानो के प्रति अच्छा नहीं ये किसान है अपराधी नहीं  और फिर स्वामीनाथन को असल में भारत रतन तो तभी माना जाएगा जब उनकी रिपोर्ट को लागू कर दिया जाएगा

लेकिन सरकार इस वक्त बहुत दहशत में  है वो किसी भी तरह जो देश में मीडिया के द्वारा एक भ्रान्ति मोदी सरकार की उपलब्धियो के बारे में फैलाई जा रही  जैसे किसी महान शासक हो मोदी

लेकिन सिर्फ किसान ही नहीं मोदी सरकार ने भारत के नागरिक अधिकारों के हनन में कोई कसर नहीं छोड़ी है , पत्रकारों को बुद्धिजीविओ को जेल में ठूंसना , सरकारी संस्थाओं को गुलाम बनाना , सविंधान   Constitution of India का अपमान करना , गरीबी , महंगाई , बेरोजगारी पर देश के विकास पर बात न करके  मंदिर मस्जिद पर देश अफरा तफरी फैलाना  ये ही काम रह गया है मोदी सरकार का , बेरोजगारी अपने चरम है रुपया लागातार गिर  रहा है   कुछ गिने चुने पूंजीपतियो के विकास को जी डी पी बना कर देश को गुमराह किया जा रहा  है

ग़ाव में महज चौदह रूपये कमाने वाले और शहर में पच्चीस रूपये कमाने वाले को गरीबी रेखा से उपर बता दिया गया है , अपने वोट के लिए  देश के अस्सी करोड़ लोगो को मुफ्त बाँटने की योजना को देश में बता रहे है लेकिन इसका मकसद देश के खाद्य गोदामों को खलाई करना है ताकि देश को एक बार भूख के संकट तक लाया जा सके .

कुल मिला कर मोदी सरकार और खुद मोदी ऐसा कोई काम नहीं कर रहे है जिससे लगे कि ये लोग इस देश का या इस देश के नागरिको का भला चाहते है

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किसान आन्दोलन Update :अपने ही नागरिको के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है मोदी सरकार ने

दिल्ली में किसान आन्दोलन को देखते हुए बॉर्डर के चारो तरफ कीलो वाली सडके बिछा दी गई है आंसू गेस के गोले किसानो पर छोड़े जा रहे है , वाटर केनन में खुजली वाला खतरनाक केमिकल मिला कर किसानो पर छोड़ने की तैयारी है , चारो तरफ पुलिस और परा मिलिट्री फ़ोर्स के जवान तैनात है ड्रोन से भी  आंसू  गेस के गोले छोड़े जा रहे है

दिल्ली की तरह आने वाले किसानो को जबरदस्ती गिरफ्तार किया जा रहा है उनके साथ मार पीट की जा रही है  बॉर्डर से सटे ग़ाव  में दहशत फैलाने के लिए पुलिस घूम रही है वहा लोगो को चेतावनी दे रही है कि कोई बाहर न आये

photo Internet

ऐसा लग रहा  है कि जैसे मोदी ने अपने ही किसान नागरीको के खिलाफ एक युद्ध की घोषणा कर दी है , गोदी मीडिया सरकार का पक्ष लेते हुए सरकार की तरफ से खबरे चला रहा है और किसानो को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है भाजपा का आई टी सेल भी काफी सक्रिय हो गया  और किसानो के खिलाफ माहौल बनाने में लगा है

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तीन काले कानून के खिलाफ एक साल से ज्यादा किसान आन्दोलन पुरे देश  में चला और दिल्ली के आस पास किसान एक साल तक बैठे रहे इसी दौरान 650 से ज्यादा किसानो की मौत हुई और अंत में मोदी सरकार को अपने घुटने टेकने पड़े

ये थे तीन नए कृषि कानून जिन्हें पीएम मोदी ने लिया आज वापस

पहला कृषि कानून– कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020. इसके अनुसार किसान मनचाही जगह पर अपनी फसल बेच सकते थे. इतना ही नहीं बिना किसी अवरोध के दूसरे राज्यों में भी फसल बेच और खरीद सकते थे. कोई भी लाइसेंसधारक व्यापारी किसानों से परस्पर सहमत कीमतों पर उपज खरीद सकता था. कृषि उत्पादों का यह व्यापार राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए मंडी कर से मुक्त किया गया था.

दूसरा कृषि कानून – किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 था. यह कानून किसानों को अनुबंध खेती करने और अपनी उपज का स्वतंत्र रूप से विपणन करने की अनुमति देने के लिए था. इसके तहत फसल खराब होने पर नुकसान की भरपाई किसानों को नहीं बल्कि एग्रीमेंट करने वाले पक्ष या कंपनियों द्वारा की जाती.

photo ANI /google

तीसरा कानून- आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम.इस कानून के तहत असाधारण स्थितियों को छोड़कर व्यापार के लिए खाद्यान्न, दाल, खाद्य तेल और प्याज जैसी वस्तुओं से स्टॉक लिमिट हटा दी गई थी.

आन्दोलन के खत्म होते वक्त सरकार ने किसानो की मांगे मान ली थी और भरोसा दिलाया था कि उनकी सभी वाजिब मांगे मान ली जाएंगी जिसमे एम् एस पी (MSP )  भी शामिल  थी

लेकिन शुरू से ही ऐसा लग रहा था कि मोदी ने किसानो के साथ एक बार फिर  धोखा कर दिया है और किसानो की मांगे न तो मानी गई और न ही उन पर सही ढंग से विचार किया गया  यही कारण रहा एक बार फिर किसानो ने दिल्ली को घेरने का निर्णय लिया और 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कुंच का एलान किया

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कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक टी वी चैनल से बात करते हुआ ब्यान दिया है कि किसानो का ये मार्च राजनीती से प्रेरित है , अर्जुन मुंडा ने ये भी कहा कि तुरंत कोई काम नहीं हो सकता हर कार्य की एक पद्धति होती है  वह कार्य उसी पद्धति से होता है , लेकिन अर्जुन मुंडा  ने ये नहीं बताया की यह पद्धति की प्रक्रिया कब पूरी होगी क्योकि अब तक दो साल होने को आये तो वह तथाकथित प्रक्रिया कब पूरी होगी ,

किसानो पर आंसू गेस के गोले बरसाए  जा रहे है इस पर अर्जुन मुंडा बोले यह तो राज्य के अधीन है कि वह राज्य कैसे अपने अधिकार क्षेत्र में शान्ति बनाये रखता है

photo google

जितनी पुलिस सेना , पुलिस अधिकारी  सरकारी अमला इस वक्त किसानो को रोकने ,धमकाने में डराने में ,दहशत फैलाने में लगा है अगर इतने ही लोग मोदी सरकार ने गलवान घाटी और अरुणाचल  प्रदेश में लगा देते तो भारत के गलवान घाटी में इतने सैनिक शहीद न होते और न ही भारतीय जमीन पर चीन का कब्जा न होता , ऐसा लगता है कि मोदी ने अपने ही किसान नागरिको के खिलाफ एक जंग छेड़ दी है जो कभी देशहित में नहीं  हो सकती