नियमो की अनदेखी कर धड़ल्ले से चल रहे है पश्चिमी  दिल्ली में अवैध निर्माण द्वारका की 133 सोसाइटी को दिया फायर विभाग ने नोटिस  

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टाउन हॉल टाइम्स : नई दिल्ली , दिल्ली और दिल्ली के आस पास के इलाको में आजकल बिल्डर्स की पो बारह है यानी चांदी कट रही है , दिल्ली की बढती जनसँख्या और दिल्ली के आस पास रोजगार के साधन ज्यादा होने की वजह से दूर  दूर से लोग आंते है और यहाँ अपना जीवन यापन करते करते यही के हो कर  रह जाते है  और साथ में सोचते है कि यही दिल्ली में अपना एक मकान हो जाए  और इसी मानसकिता का फायदा उठाते हुए दिल्ली में बिल्डर्स और भूमाफिया काफी हावी हो गए है ,

उतर दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के नरेला , रोहिणी , उत्तम नगर नवादा , नांगलोई , नज़फगढ़  , द्वारका  आदि इलाको में अवैध निर्माण काफी जोरो पर है  यहाँ तक कि  भवन  निर्माण के नियमो की अनदेखी कर छोटे छोटे अपार्टमेंट बनाये जा रहे है  और ऐसा नहीं है कि इसके बारे में पुलिस प्रशासन को कुछ नहीं मालूम , इनके बारे में सबको मालूम है लेकिन सब आँखे मूंदे रहते है और इन्हें आँख मूंदने का पूरा पूरा मेहनताना मिलता है , एक लेंटर के हिसाब से बिल्डिंग के हिसाब से , सबको कुछ न कुछ मिलता है , बिजली वाले , जल विभाग वाले , पुलिस वाले , एम् सी डी वाले  स्थानीय नेता , स्थानीय वसूली गैंग  सबको मिलता है .

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जब कोई अप्रिय घटना होती है तो फिर सारे के सारे हरकत में आ जाते है और सब दुर्घटना से अपना पल्ला  झाड़ने लगते है

दिल्ली के स्थानीय सांध्य टाइम्स में छपी एक खबर जिसमे बताया गया  है कि किस तरह नियमो की अनदेखी की जाती है.

राजधानी दिल्ली की द्वारका के 137 सोसायटी को फायर ब्रिगेड का नोटिस मिलने से वहां रहने वाले हजारों लोग और वहां के RWA की कमेटी सकते में आ गई है। फायर ब्रिगेड के अनुसार समय समाप्त होने के कई साल बीत जाने के बावजूद सोसायटियों की तफर से फायर सेफ्टी ऑडिट नहीं करवाया गया है। गौरतलब है कि द्वारका में 358 कोपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी है। इनके अलावा कुछ DDA की भी सोसायटी है जो हाईराइज बनी हुई है। एक सोसायटी में फ्लैट की संख्या के मुताबिक सैकड़ों की संख्या में लोग रहते हैं। जिन 137 सोसायटी को नोटिस दिया गया है, उनमें अनुमान

के मुताबिक लगभग 150 हजार लोग रहते हैं। मतलब इतने लोगों की जान माल की सुरक्षा अधर में है। 5 साल के लिए NOC, समय बाद भी ऑडिट नहीं फायर

‘मैनेजमेंट कमेटी उठाए कारगर कदम’ ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी रॉबिन शर्मा का कहना है कि सोसायटी को फायर ब्रिगेड के आदेशों और निर्देशों का पालन करना चाहिए। जो भी गाइडलाइंस बनी है, उनको जितना हो सके पूरा करना चाहिए। क्योंकि कई बार देखा गया है, कि आग की घटना पर जब फायर ब्रिगेड टीम आग बुझाने जाती है तो उनको ऑडिट समय समाप्त चुका है, उन्हें कई तरह की कमियों का पता चलता है।

refrence foto from google ,not real location or person

‘लोगों को सुरक्षित रखना है मकसद’ फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के प्रेजिडेंट राकेश गुप्ता ने कहा है कि जिस भी सोसाइटी को नोटिस मिला है, उन्हें आगे बढ़कर फायर सेफ्टी को देखते हुए पहल करनी चाहिए। जिन्हें नहीं मिला है और उनकी सोसायटी का फायर”

सवाल यह है कि जो सोसाइटी  नियमो के तहत रजिस्टर्ड है उनमे  वैसे तो सभी बातो का  ख्याल रखा जाता है लेकिन धीरे धीरे  सोसाइटी के सदस्यों में या उनकी एसोसिएशन में समन्वय न होने के कारण कुछ चीजे अनदेखी हो जाती है लेकिन उनका क्या जो किसी भी नियम का  पालन ही नहीं करते है बल्कि प्रशासन और नियमो को अपना गुलाम समझते है  सिर्फ यही नहीं इस तरह की निजी सोसाइटी या अपार्टमेंट कई बार अवैध जमीन पर बने होते है जिसे भोले भाले लोग अपने  जीवन की सारी कमाई लगा कर खरीद लेते है लेकिन बाद में इन जमीनों  पर सरकारी विवाद हो जाता है जिसके कारण इन्हें खरीदने वाले परेशान हो जाते है  और जिसने ये सब घोटाला किया होता है वो बिल्डर साफ़ साफ बच कर निकल जाता है

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