नागरिक अधिकारों का हनन ,और किसानो को बदनाम करने में लगी है मीडिया और  मोदी सरकार

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 किसान अपराधी नहीं , स्वामीनाथन की बेटी ! क्यों रोक रही है सरकार किसानो को दिल्ली  आने से

नई दिल्ली : सविंधान में मौलिक अधिकारों का आर्टिकल इक्कीस जो देश के हर नागरिक को स्वंत्रता से एक जगह से दूसरी जगह  पर  जाने का अधिकार देता है यानी अगर एक व्यक्ति एक स्थान से दुसरे स्थान पर किसी भी वैध  कारणों से जाना चाहे तो उस पर कोई भी प्रतिबंध नहीं लग सकता , इसके अलावा सरकार या किसी भी उदेश्य के लिए अगर कोई भी व्यक्ति या सन्घठन शांतिपूर्वक पदर्शन करना चाहे या विरोध जताना  चाहे तो वह ये भी कर सकता है ये भी उसका मौलक अधिकार है

लेकिन हमने देखा है मोदी सरकार के काल में किस तरह आम नागरिको के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा  है बल्कि अगर कोई व्यक्ति अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करना चाहे तो उसी सरकार प्रताड़ित भी कर रही है

वर्तमान किसान आन्दोलन में भी ये ही हो रहा है की किसान अपने आन्दोलन के लिए अपनी मांगे मनवाने के लिए दिल्ली आना चाहते है लेकिन पंजाब हरियाणा , दिल्ली के बॉर्डर पर सरकार ने किले बिछा दी है सारे रास्ते बंद कर दिए है , चारो तरफ पुलिस लगा दी है , और हरियाणा , पंजाब के ग़ाव में पुलिस जा जा कर आम लोगो को धमका रही है कि वो इस आन्दोलन में आये तो इसके परिणाम  बुरे होंगे , जैसे की हिंदी फिल्मो  में गुंडे करते है , यही नहीं पुलिस बॉर्डर  पर आये किसानो पर आंसू गैस के गोले छोड़ रहे है जमीन से भी आसमान से भी लेकिन किसान दिल्ली जाने के लिए अडिग  है

इसी बीच सरकार बातचीत करने के लिए किसानो से कह तो  रही है लेकिन  किसानो की  मांगो को मानने के लिए तैयार नहीं है

भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर  Anurag Thakur का कहना है कि  किसानो Farmers  ने अपनी मांगो में कुछ मांगे और जोड़ ली है इसलिए उनमे अभी और वक्त लगेगा लेकिन सोचने वाली  बात ये है कि किसानो का कर्ज माफ़ करने के लिए कौनसा ज्यादा वक्त लगता है , जब की पूंजीपतियो के कर्ज एक ही दिन में माफ़ हो जाते  है   किसानो पर जो पिछले आन्दोलन के दौरान किये गए केस वापिस लेने में कितना वक्त लगेगा ? जबकि जब योगी Yogi  को अपने उपर केस खत्म करने के लिए एक घंटा भी नहीं लगा और खुद को सफ़ेद कबूतर बना लिया एक ही दिन में

या लखीमपुर खीरी  Lakheempur में टेनीपुत्र ने किसानो को कुचला था उस पर कार्यवाही की मांग को मानने के लिए कितना वक्त लगेगा ? एम् एस पी पर कानून बनाने का वायदा पिछले आन्दोलन के खत्म होने के वक्त ही किया गया था अब दो साल से ज्यादा हो गए है तो और कितना वक्त लगेगा ?

लेकिन सरकार किसानो की समस्याओं पर ध्यान न देकर किसानो को बदनाम करने में लगी है और ये कांम कर रहा है मोदी का गुलाम मीडिया  Salve Media

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मीडिया ये बता रहा है कि जो किसान है जानबूझ कर बिना किसी वाजिब कारण के दिल्ली आना चाहते है  और यह आन्दोलन राजनीती से प्रेरित लग रहा है ये कहा हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने

इसके अलावा मीडिया बता रहा है कि किसानो की  वजह से किस तरह बॉर्डर के आस पास आम लोफो को तकलीफ हो रही है  कैसे उनको काम पर आने जाने में , स्कूल आने जाने में  और रोजमर्रा के समान की  सप्लाई में दिक्कते आ रही है , लेकिन गोदी मीडिया  यह नहीं बता रहा है  या ये नहीं समझा पा रहा है कि आखिर पुलिस को बॉर्डर के चारो तरफ  बेरिकेड लगाने की चारो तरफ कीलो की चादर बिछाने की क्या जरूरत है ? क्या ये किसान किसी हिंसक घटना को अंजाम देने जा रहे है ? क्या ये कोई युद्ध करने जा रहे है ? या ये कोई अपराधी है आखिर सरकार इन किसानो को दिल्ली आने देना क्यों नहीं चाहती ? और अगर किसान दिल्ली आ जाए तो जा कर दिल्ली के रामलीला मैदान में बैठ सकते है

जिस स्वामीनाथन Swaminathan Bharat Ratan  को भारत सरकार  Govt of India ने किसानो को मुर्ख बनाने के लिए भारत रत्न दिया उनकी खुद की पुत्री मधुरा स्वामीनाथन कहती है कि सरकार का वव्हार किसानो के प्रति अच्छा नहीं ये किसान है अपराधी नहीं  और फिर स्वामीनाथन को असल में भारत रतन तो तभी माना जाएगा जब उनकी रिपोर्ट को लागू कर दिया जाएगा

लेकिन सरकार इस वक्त बहुत दहशत में  है वो किसी भी तरह जो देश में मीडिया के द्वारा एक भ्रान्ति मोदी सरकार की उपलब्धियो के बारे में फैलाई जा रही  जैसे किसी महान शासक हो मोदी

लेकिन सिर्फ किसान ही नहीं मोदी सरकार ने भारत के नागरिक अधिकारों के हनन में कोई कसर नहीं छोड़ी है , पत्रकारों को बुद्धिजीविओ को जेल में ठूंसना , सरकारी संस्थाओं को गुलाम बनाना , सविंधान   Constitution of India का अपमान करना , गरीबी , महंगाई , बेरोजगारी पर देश के विकास पर बात न करके  मंदिर मस्जिद पर देश अफरा तफरी फैलाना  ये ही काम रह गया है मोदी सरकार का , बेरोजगारी अपने चरम है रुपया लागातार गिर  रहा है   कुछ गिने चुने पूंजीपतियो के विकास को जी डी पी बना कर देश को गुमराह किया जा रहा  है

ग़ाव में महज चौदह रूपये कमाने वाले और शहर में पच्चीस रूपये कमाने वाले को गरीबी रेखा से उपर बता दिया गया है , अपने वोट के लिए  देश के अस्सी करोड़ लोगो को मुफ्त बाँटने की योजना को देश में बता रहे है लेकिन इसका मकसद देश के खाद्य गोदामों को खलाई करना है ताकि देश को एक बार भूख के संकट तक लाया जा सके .

कुल मिला कर मोदी सरकार और खुद मोदी ऐसा कोई काम नहीं कर रहे है जिससे लगे कि ये लोग इस देश का या इस देश के नागरिको का भला चाहते है

Poverty Line , Poors in India , Free ration , PMO , BJP , INC, Farmers Movement ,Citizens of India

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