मूवी रिव्यू लफ्जों में प्यार सिखाती है ये साफ सुथरी फिल्म रेटिंग: 3 * चंद्र मोहन शर्मा
लेखक और निर्देशक धीरज मिश्रा अपने कैरियर में पहली बार एक रोमांटिक फिल्म लेकर आए हैं। निर्देशन में उनका साथ राजा रणदीप गिरी ने भी दिया है। फिल्म के पहले दृश्य में गीतकार अशोक साहनी साहिल अपनी कविता की कुछ पंक्तियों पढ़ते हैं ‘छोटी से ज़िंदगी है यारों आओ भरे, लफ्जों में प्यार।’ इस शायराना शुरुआत से यह लगता है कि यह फिल्म शायद शायरी और गीतों के साथ एक परंपरागत प्रेम कहानी परोसेगी लेकिन धीरे धीरे जब फिल्म आगे बढ़ती है तो यह पता चलता है कि यह कहानी आज के युवा के प्यार के इमोशंस को पर्दे पर सफल है। यह भी नहीँ है कि फिल्म केवल रोमांस की बात करती है बल्कि इसमें ट्विस्ट टर्न भी हैं, इमोशनल ड्रामा भी है, कुछ अच्छी परफॉर्मेंस भी है, कश्मीर की बेहतरीन लोकेशन भी है।
कहानी
युवा म्युज़िक टीचर राज के प्रेम त्रिकोण पर आधारित है जिसे अपनी छात्रा प्रिया से प्यार हो जाता है। वह उससे प्रेरित होकर कविताएं लिखता है लेकिन हीरो के परिवार के लोग उसकी शादी किसी और लड़की से कराने की योजना बनाते है। लेकिन उसके रास्ते में अनेकों पारिवारिक और आतंरिक मुसीबतें आती हैं जिसका सामना करते हुए वो अपनी मंजिल की ओर बढ़ता है।
अभिनय: फिल्म में विवेक आनंद ने राज की भूमिका बखूबी निभाई है। रोमांटिक सीन से लेकर भावनात्मक दृश्यों तक उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है। कंचन राजपूत ने भी अपनी सादगी से प्रभावित किया है। जरीना वहाब ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है तो वहीं अनीता राज अपने सीन्स में उभर कर सामने आईं हैं। प्रिया के साथ फिल्म के एक टर्निंग प्वाइंट वाले सीन में अनिता राज ने क्या एक्टिंग की है। इमोशन, ड्रामे और बेहतरीन परफॉर्मेंस से सजा यह दृश्य देखने लायक है। फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी अपनी भूमिकाओं को अच्छी तरह अदा किया है
धीरज मिश्रा और राजा रणदीप गिरी का निर्देशन अच्छा है। एक रोमांटिक फिल्म को बड़ी शिद्दत से बनाया गया है जिसमें मोहब्बत की सादगी भी बरकरार है और कुछ अनूठे दृश्यों का अच्छा तालमेल है। इस निर्देशक जोड़ी ने फिल्म के कलाकारो से अच्छा कार्य लिया है।फिल्म के संवाद अच्छे हैं और कई वनलाइनर्स याद रह जाते हैं। जैसे नजदीकियां रिश्तों को और भी खूबसूरत करती हैं। फिल्म लफ़्ज़ों में प्यार एक खूबसूरत कोशिश है और यह देखने लायक है। निर्देशन, अभिनय, गीत संगीत, लोकेशन्स और इसके डायलॉग ने फिल्म को बहतरीन बना दिया है।
कलाकार, अनिता राज, जरीना वहाब, विवेक आनंद, कंचन राजपूत, प्रशांत राय, ललित परमो, सर्वर मीर, वाणी डोगरा,मेघा जोशी, महिमा गुप्ता, सचिन, मुक्ति , सतीश गोले , चेतन शर्मा , निर्माता ,अशोक साहनी, निर्देशक, राजा रणदीप गिरी, धीरज मिश्रा, सेंसर सार्टिफिकेट, यू ए, अवधि, 111 मिनट