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सैंकड़ो संघठन ,लाखो लोग एक नारा बैन ई वी एम : जन्तर मंतर पर विशाल पदर्शन, देश में अघोषित तानाशाही

   देश में अघोषित तानाशाही ,सविंधान ध्वस्त :2024 आखिरी  लोकतांत्रिक चुनाव होगा 

सैंकड़ो संघठन ,लाखो लोग एक नारा बैन ई वी एम : जन्तर मंतर पर विशाल पदर्शन

अमरीकी हैकर का दावा  अमरीका स्थित एक हैकर ने दावा किया कि साल 2014 के चुनाव में मशीनों को हैक किया गया था. इस चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की थी.

लेकिन  भारतीय चुनाव आयोग ने इन दावों का खंडन किया  और कहा की ई वी एम हैक नहीं हो सकती लेकिन चुनाव आयोग कभी जनता की मांग पर ऐसी कोई राय नहीं दे पाता जिससे आम लोगो की शंका दूर हो सके बल्कि ई वी एम् के नाम से हमेशा दूर भागता है , देश के हजारो  संघठन इस बात का दावा कर चुके है और उन्होंने ये बात प्रैक्टिकल करके दिखाया भी है कि ई वी एम को सेट किया जा सकता है

ये बात संसद रहे देश  में २०१४ के बाद ऐसे कई चुनाव हुए है जिसमे हजारो लोगो ने ये शिकायत की है कि  उन्होंने जिसको वोट दिया उसको वोट नहीं मिला  एक पुरे ग़ाव ने वोट बसपा को दिया लेकिन उनका सारा वोट भाजपा को गया , एक प्रत्याशी ने शिकायत की  कि उनका और उनके परिवार का वोट जो उन्हें दिया गया था वो भी भाजपा के खाते में गया

ये ही नहीं चुनाव आयोग के पास ऐसी हजारो शिकायत लोगो ने भेजी लेकिन चुनाव आयोग ने किसी का भी निवारण या उतर नहीं दिया जिससे साफ़ साफ़ पता चलता है कि ई वी एम् में गड़बड़ी है

२०१४ के बाद से ही विभिन्न बुद्धिजीवी , समाज सेवी संघठन  और समाज के लोग इस बात की मांग उठाते आ रहे है कि ई वी एम् को  बैन किया जाए

देश के सभी छोटी बड़ी पार्टी ये मानती है कि भाजपा ई वी एम् के सहारे चुनाव जीत रही है और लोकतंत्र को बर्बाद करने पर तुली है ये सब कुछ  वैसा ही है कि आप बीच सफर में ही किसी का समान , माल मत्ता सब लूट लो और उसका कोई सहारा न हो

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आज भारत के जनतांत्रिक लोग इसी तरह महसूस कर  रहे है क्योकि भाजपा कोई भी कार्य आम देशवासियो के हित में नहीं का र रही है बल्कि देश के कुछ प्रतिशत गिने चुने उच्च जाति के लोगो के लिए काम कर रही है और उनकी गुलामी कर रही है

Massive Protest rally Against the EVM , Ban Evm Protest at Jantar Mantar

उच्च जाति के लिए सविंधान के अंदर एक अलग सविंधान बनाया जा रहा है जिसके जरिये इनको विशेष अधिकार दे दिए गई है , उच्च जाति के लोगो के लिए नौकरी में यानी आई ए एस बनने के लिए लेटरल एंट्री से जॉब है , जहा पर आरक्षण है वहा पर आरक्षित लोगो को नौकरी न देना , देश के सभी संसाधन अमानी अडानी , और अन्य पूंजीपतियो को दिए जा रहे है . देश के सभी संस्थान , रेल से लेकर भेल तक इन्ही पूंजीपतियो को दिए जा रहे है , देश को अधिक से अधिक कर्जदार बनाया जा रहा है गरीबी , बेरोजगारी , महंगाई दिन रात बढ़ रही है  लेकिन इसकी चर्चा कही भी नहीं है , देश के प्रबुद्ध ,बिद्धिजिवी लोगो को शिक्षको को कलाकारों को , लेखको को पत्रकारों को जेल भेजा जा रहा है , यानी पुरे देश में अराजकता और प्रशासनिक आतंकवाद का माहौल बनाया जा रहा है , आम नागरिको के मन में डर और दहशत फैलाई जा रही है ,

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रोजी रोटी के सवाल पर मंदिर , मस्जिद परोसा जा रहा है  धार्मिक उन्मांद फैलाया जा रहा है

देश में शिक्षा के संस्थानों को या तो बर्बाद किया जा रहा है या बर्बाद किया जा रहा है , टीचर नहीं डॉक्टर नहीं नौकरी नहीं लेकिन लोगो को तीर्थ यात्रा का जहर पिलाया जा रहा है

देश में ३६ करोड़ लोग से ज्यादा बेरोजगार लेकिन कोई समाधान नहीं , अस्पतालों में बिस्तर नहीं डॉक्टर नहीं इलाज नहीं लेकिन उनको राम मंदिर ले जाया जा रहा है

दरसल भाजपा /संघ वो संस्था है जो हमेशा समानता और लोकतंत्र के विरोधी रहे है वर्ण वाव्य्स्था के पक्षधर और पोषक है ये

इनके लिए सविंधान सबसे बड़ी बाधा है इसलिए देश के सविंधान को यानी लोकतंत्र को ये बार बार अपमानित कर  रहे है सत्मेव जयते की जगह धर्म ने ले ली है , अशोक चक्र के टुकड़े कर  दिए है , देश की नई संसद में अशोक चक्र नहीं सविन्धानिक प्रतीक नहीं है

सैंगोल की स्थापना की गई है जो ब्राह्मणवाद की सर्वोचता का प्रतीक है देश के कई कानून बदल कर वो भी गैरसविन्धानिक तरीके से दिन रात सविंधान को अपमानित करते रहते है

और इन सब कामो को करने की जो उर्जा है जो शक्ति है इन्हें ई वी एम् से मिल रही है यानी इसके जरिये ये चुनाव जीतते है और कहते है कि लोगो ने हमे चुना है इसलिए हम जो कर  रहे है वो देश के लोगो को पसंद है जबकि लोकतंत्र की ये ठगाई हो रही है आम लोगो के सपने को उनकी भावनाओं को ये लोग मार रहे है

देश के सुप्रीम कोर्ट का हाल इसी से पता चलता है कि  राम मंदिर का फैसला सभी तथ्यों को एक तरफ रख  कर किया यानी सुप्रीम कोर्ट  में भी काफी गड़बड़ी है जबकि देश के लोग ई वी एम् को बैन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाते है तो सुप्रीम कोर्ट फटकार लगा देता है जुर्माना लगा देता है याचिकाकर्ता पर जब की चाहे कोई दस बार जाए  सौ बार अदालत जाए कोर्ट का काम है कि उसके द्वारा उठाये गए प्रशनो पर संज्ञान ले और उनका निवारण करे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है ,

खुद चुनाव आयोग का बैलेट पेपर से चुनाव कराने के विरोध में जो तर्क है वो बड़ा ही बचकाना है सबसे पहले इसमें टाइम बहुत लगेगा  दुसरा  इसमें तीन हजार करोड़ का खर्चा आएगा . जबकि देश की १४० करोड़ जनता का भविष्य अगर तीन हजार करोड़ में ससंवर जाए तो क्या बुरा होगा , देश के लोग लोकतंत्र पर विशवास करेंगे , देश की सविन्धानिक संस्था में विशवास कायम होगा इस काम के लिए ये पैसा कुछ भी नहीं वैसे भी मोदी जी अंट शंट कामो के लिए इतना पैसा खर्च करते है , विज्ञापनों पर पैसा खर्च करते है तो क्या लोकतंत्र को बचाने के लिए पहल नहीं करेंगे ??

 

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