देश की संसद में अब भगवा तांडव होने लगा है रोज जय श्री राम के नारे , भड़काऊ भाषण ,सैंगोल की स्थापना , राम के नाम पर संकल्प किये जा रहे है
जैसे ही विपक्ष के सांसद बोलते है तो उनके बोलने में खुद सदन के अध्यक्ष बाधा उत्पन्न करते है , प्रवाह तोड़ने के लिए अध्यक्ष नियमो को याद दिलाते है , कभी सांसदों को निलम्बित कर दिया जाता है , तो मुस्लिम सांसदों को धर्म के हवाले से भाजपा के सांसद गाली देते है , धमकाते है
संसद के बजट सत्र में शनिवार (10 फरवरी) को सदस्यों ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन पर चर्चा की। चर्चा में हिस्सा लेते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश के मुसलमानों से बार-बार देशभक्ति साबित करने को कहा जाता है। उन्होंने यह भी कहा, क्या मैं बाबर, जिन्ना या औरंगजेब का प्रवक्ता हूं?
सदन में अपना बयान पेश करते हुए सांसद ओवैसी ने पूछा कि क्या मोदी सरकार सिर्फ एक समुदाय और एक धर्म की सेवा करती है? क्या 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह एक धर्म की दूसरे धर्म पर जीत थी? ओवैसी ने यह भी कहा कि वह भगवान राम का सम्मान करते हैं लेकिन नाथूराम गोडसे से उतनी ही नफरत करते हैं जिसने उस व्यक्ति की हत्या की जिसके अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे।
ओवेसी में भाषण के बीच में भाजपा सांसद निशिकांत ने कहा कि क्या ओवेसी बाबर को आक्रमणकारी मानते है
‘इस पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए पूछा, ”आप (निशिकांत दुबे) पहले ये बताएं कि आप पुष्यमित्र शुंग को क्या मानते हैं। उनके पास मंदिरों को तोड़ने वाली सेना थी। मैं आजादी के इतने सालों के बाद यही बात दोहराता आ रहा हूं कि निशिकांत दुबे असदुद्दीन ओवैसी से बाबर के बारे में पूछते आ रहे हैं। ओवैसी ने यह भी कहा कि आप मुझसे गांधी, नेता जी, जलियांवाला बाग के बारे में पूछ सकते हैं लेकिन नहीं, आप सिर्फ बाबर के बारे में पूछेंगे।
जैसे ही ओवेशी ने पुष्यमित्र शुंग की बात की सदन में सारे भाजपाई सांसद चुप हो गए क्योकि पुष्यमित्र शुंग सम्राट अशोक के पोते व्रह्द्स्थ का सेनापति था जिसने धोखे से व्रह्द्स्थ की हत्या करने के बाद बौध समाज का नरसंहार किया और चोरासी हजार से ज्यादा बौध मठो को तोडा और उनको मंदिर में बदल दिया और पुष्यमित्र शुंग एक ब्राह्मण था जो की आर्य था .