Fake Ranking in Gr.Noida Colleges :नॉलेज पार्क ग्रेटर नॉएडा के फर्जी रंकिंग वाले निजी कॉलेज ,नेताओं और पूंजीपतियो की दुकाने : Surender Kumar

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नाम है नॉलेज पार्क ग्रेटर नॉएडा   knowledge park greater noida जहां पर बहुत सारे निजी कॉलेज बहुत सारे नए नए कोर्स चलाए जाते है

जिन छात्रो को कही भी दाखिला नहीं मिलता वो छात्र मोटी फीस दे कर यहाँ दाखिला ले लेते है लेकिन उनके सपने यहाँ आकर बहुत जल्दी टूट जाते है जब इन कॉलेजों में देखते है न तो योग्य टीचर होते है और न ही पढने लायक कोलेज में माहौल

यहाँ पर दस से ज्यादा  इंजीनियरिंग कॉलेज  engineering , लगभग इतने ही मैनेजमेंट  management कॉलेज  और दुसरे ऐसे कोर्स है जिनकी फीस तो है लाखो की लेकिन  सुविधाओं के नाम पर शिक्षा के स्तर के नाम पर ये कॉलेज नाममात्र  के ही है

हलांकि ये बात अक्सर आप देश के न्यूज़ चैनल , और अखबारों news paper  में इन कालेजो के बड़े बड़े विज्ञापन देखते है और इन्हें वर्ल्ड क्लास बताते है लेकिन यहाँ वर्ल्ड क्लास तो क्या किसी गाँव देहात के बराबर भी नहीं है

एक इंजीनियरिंग कॉलेज या मैनेजमेंट में पढ़ाने के लिए शिक्षको का एक अच्छा अनुभव होना चाहिए उसका पी जी लेवल पर यु जी सी नेट , पी एच डी और रिसर्च में एक अच्छी कमांड होनी चाहिए लेकिन यहाँ के इन कालेजो में शिक्षको से लेकर चेयरमैन तक अंगूठा छाप यानी  कॉलेज का चेयरमैन मतलब  संस्था का मालिक  जो रोज कॉलेज में बैठता तो है लेकिन उसे वहा पढाये जाने वाले विषय का कोई ज्ञान नहीं यही हाल शिक्षको का होता है जो उसी के खानदान से सम्बन्धित रखते है उन्हें ही वह लेक्चरर बना देता है  सरकारी खाते में दिखाने के लिए एक दो टीचर या हेड ऑफ़ थे डिपार्टमेंट को पी एच डी  को रख लेता है  लेकिन बाकी सब खानदानी या सगे सम्बन्धी लोग ही होते है

इसके अलावा इन बच्चो में से कुछ बच्चे हालातो को समझते हुए अपनी तरफ से प्रयास लगाते हुए  जैसे तैसे करके  जिन्दगी में कुछ कर  लेते है कुछ हांसिल कर लेते है और उन्ही बच्चो की  फोटो लगा लगा कर ये दुसरे नादान और मासूम बच्चो को लुभाते है

ऐसा  नहीं है की मीडिया  media को इन सब बातो के बारे में मालूम नहीं है उन्हें सब मालूम है लेकिन   बाजार के दबाव में यानी अपने मीडिया संस्था के मालिको के लिए विज्ञापन लाने के लिए इन कालेजो के विज्ञापन  चलाते है  बल्कि कुछ ऐसे लेख भी लिखते है इनके पक्ष में जिनकी वजह से  बच्चे इन कालेजो में आते है यानी देश के साथ ये पत्रकार भी मिलकर धोखा करते है

इतनी सारी समस्याओं के होने के बावजूद इन कालेजो की मान्यता रद्द नहीं होती है इसका कारण है जिस संस्था या यूनिवर्सिटी से इनको मान्यता मिलती है वहा बैठे अधिकारी पूरी तरह से रिश्वत खा कर इनको मान्यता दे देते है  और अगर वो न भी देना चाहे तो सरकार में बैठे मंत्री संतरी इन अफसरों की नाक में दम कर देते है यानी ये भ्रस्टाचार और देश के भविष्य के साथ धोखा किसी एक स्तर पर या किसी एक व्यक्ति या संस्था द्वारा नहीं किया जा रहा है बल्कि  मिलजुल कर सांझी लूट की जा रही हैअब  जानना ये है  कि  ये समस्या कहा से शुरू होती है दरअसल इस समस्या की  जड़ दो बाते है सबसे पहले जनसँख्या , यानी देश की जनसँख्या बढती गई और लगातार बढती गई  लेकिन सरकार  जनसँख्या के हिसाब से स्कूल ,कॉलेज यूनिवर्सिटी का निर्माण नहीं कर पाई या जानबूझ कर नहीं काराया गया  बल्कि इस समस्या का इन्होने जो समाधान ढूँढा वो बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है , यानी  इन्होने शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में निजी संस्थाओं और पुजीपतियो को स्कूल कॉलेज , यूनिवर्सिटी खोलने की सुविधा दे दी और इसके साथ साथ सरकार ने सरकारी स्कूल , कोलेज ,

 यूनिवर्सिटी  न सिर्फ खोलने बंद किये  बल्कि पहले से खुले सरकारी कॉलेज स्कूल बंद करना शुरू कर दिया  देश में अब तक ढाई लाख से  ज्यादा स्कूल बंद हो चुके है हजारो कॉलेज में स्कूलों में शिक्षको की भर्ती नहीं की जा रही है और सरकारी यूनिवर्सिटीज  के खर्चे कम कर दिए है और उन्हें विस्तार करने की मनाही कर दी गई है , साथ ही उन्हें अपने खर्चे खुद ही उठाने होंगे  जिसकी वजह से जहा सरकारी स्कूल कॉलेज में बच्चा  दस बीस हजार में ग्रेजुएशन कर लेता था आज वहा भी फी के लाखो रूपये लिए जाने लगे है यानी  गरीबो के लिए वहा भी शिक्षा के द्वार बंद

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सबसे बढ़ी बात कि  लॉक डाउन के बाद से ही लाखो परिवारों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है जिसके कारण या तो वो लोग समय पर पूरी फीस दे पाते है और या पूरी फीस एक साथ नहीं दे पाते  ऐसे में इन परिवारों के बच्चो को कॉलेज  कॉलेज प्रशासन परीक्षाओं में नहीं बैठने देता  इस बात की खबर स्थानीय प्रशासन  ( Local Administration )और राज्य सरकार को रहती है लेकिन ये कुछ नहीं करते क्योकि इन्ही पूंजीपतियो  के माध्यम से इनके चुनावों का खर्चा पूरा होता है ऐसे में आप किसी सरकार से या प्रशासन से क्या उम्मीद रखेंगे या आप खुद जाने

यानी कुल मिला आकर  एक  ऐसा सिस्टम सरकार ने बना दिया है कि शिक्षा महंगी मिलेगी इसके अलावा  घटिया स्तर की मिलेगी  और उस पर तुर्रा भारत विश्व गुरु बनेगा

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