अब पुरे श्री लंका में भारतीय शिक्षको की निगरानी में दी जाएगी फर्स्ट एड की शिक्षा , भारत ही नहीं विदेशो में भी मान बढ़ा रहे है शिक्षाविद डॉ शबाब आलम डॉ शबाब आलम शिक्षा के क्षेत्र में कोई नया नाम नहीं है इन्होने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत क्रांतिकारी कदम उठाये है
भारत में ग्रामीण मुक्त विश्विद्यालय खोलने के बाद इन्होने भारत में स्वास्थ शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी कदम उठाये है इन्होने फर्स्ट एड कौंसिल ऑफ़ इंडिया की स्थापना की और ये कौंसिल मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर देश में फर्स्ट एड कोर्स चला रहे है इस कोर्स की बदौलत देश में जो ट्रेंड मेडिकल प्रोफेशनल्स की कमी थी उसको काफी हद तक पूरा किया है
ये एक ऐसा कोर्स है जिसे हर व्यक्ति , स्कूल , कॉलेज ,फैक्ट्री , कम्पनी और ऑफिस को करना चाहिए , यह बात सनद रहे की हमारे देश में अभी स्वास्थ सेवाए अभी दूर दूर स्थानों पर है यानी अस्पतालों की संख्या कम है जिसके कारण मरीज को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने में टाइम लगता है और इस टाइम के बीच में अगर मरीज को सही ढंग से हैंडल नहीं किया जाए यानी की मरीज को फर्स्ट एड न दिया जाए तो तो मरीज की मौत हो जाती है
हमारे देश में लगभग नो लाख लोग कार्डियक अरेस्ट से मर जाते है इनमे से हम नब्बे प्रतिशत लोगो को बचा सकते है वो भी सिर्फ और सिर्फ सी पी आर दे कर और सीपी आर देने के लिए फर्स्ट एड की ट्रेनिंग होना चाहिए इसी तरह एक्सीडेंट को हम ले सकते है जिसमे बीस लाख से ज्यादा लोग हर साल सिर्फ ज्यादा खून बह जाने से मर जाते है , अगर हम देश में होने वाली सारी मौत के आंकड़े देखे तो हम बच्चो से लेकर बूढ़े लोगो तक एक करोड़ से ज्यादा लोगो को सिर्फ इस वजह से खो देते है क्योकि इन को वक्त पर फर्स्ट एड नहीं मिल पाता
देश में फर्स्ट एड कौंसिल ऑफ़ इंडिया इस तरह के कोर्स चला कर लोगो को रोजगार के साथ साथ देश में एक बहुत बड़ी मेडिकल फ़ोर्स को खड़ा कर रहे है जो किसी भी महामारी से निपटने में सक्षम रहेगी
भारत के इस फर्स्ट एड कोर्स को देखते हुए श्री लंका सरकार ने भारत की फर्स्ट एड कौंसिल से करार किया है जिसमे फर्स्ट एड कौंसिल ऑफ़ इंडिया की जिम्मेवारी होगी कि वो श्री लंका में इस कोर्स को चलायंगे और देखभाल करेंगे . इस मौके पर फर्स्ट एड कौंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए श्री लंका की यूरोपियन यूनिवर्सिटी ने डॉ शबाब आलम को अपने दीक्षांत समारोह पर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया और उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से भी नवाजा गया . जो भारत के लिए बहुत गौरव की बात है