अगर हम शिक्षा की बात करे तो यूपी में उच्च शिक्षा का बुरा हाल है देश के टॉप 100 में नहीं है कोई स्टेट यूनिवर्सिटी और न ही कोई निजी कॉलेज हलांकि शिक्षा के नाम पर खुले निजी स्कूल कॉलेज सबका समान रूप से बुरा हाल है
कहने को तो उत्तर प्रदेश में बहुत सारे निजी स्कूल है जिनकी फीस दिल्ली जैसे महानगरो से भी कई गुना ज्यादा है लेकिन
प्रधान महालेखाकार बी के मोहंती ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय और वाराणसी की महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में उच्च शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं है. यहां से हर साल करीब 60 हजार विद्यार्थी निकलते हैं लेकिन, रोजगार सिर्फ एक हजार को ही मिल सका.
UP Higher Education Status: देश के Comptroller and Auditor General की रिपोर्ट सामने आते ही चर्चाएं तेज हो गई है. CAG की रिपोर्ट में यूपी के शिक्षा व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है. इस ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश की कोई भी स्टेट यूनिवर्सिटी देश के टॉप 100 यूनिवर्सिटी कॉलेज की रैंक में शामिल नहीं है.
Survey के दौरान पाया गया कि कॉलेजों को मान्यता देने, प्रयोगशाला, शिक्षक छात्र अनुपात आदि मानक पर भी स्थिति संतोषजनक नहीं है बल्कि इसमें सिर्फ घोटाला ही घोटला है पूंजीपति और नेताओं के निजी स्कूल कॉलेजों को बिना मानको पर खरे उतरे ही मान्यता मिल जाती है जबकि सरकारी संस्थाओं का तो हाल ही न पूछो
अगर बात हम स्कूलों की करे तो इनका भी हाल कुछ ऐसा ही है
यूपी के 3373 बेसिक स्कूलों में नहीं हुआ एक भी नया प्रवेश, शिक्षा विभाग की सूची मेंइस शहर का सबसे खराब हाल सत्र 2023-24 में प्रदेश के 3373 बेसिक स्कूलों में कक्षा एक मेंएक भी नया प्रवेश नहीं हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग ने कक्षा एक में शून्य प्रवेश वाले स्कूलों की सूची जारी की है।
आगरा का हाल सबसेखराब है सत्र 2023-24 मेंप्रदेश के 3373 बेसिक स्कूलों मेंकक्षा एक मेंएक भी नया प्रवेश नहीं हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग नेकक्षा एक मेंशून्य प्रवेश वालेस्कूलों की सूची जारी की है। आगरा का हाल सबसेखराब है क्योंकि यहां 165 स्कूलों मेंकोई नया प्रवेश नहीं हुआ। खराब प्रदर्शन वालेजिलों मेंबरेली 10वेंस्थान पर है। यह आंकड़े स्कूल चलो अभियान की पोल खोलते दिख रहे हैं।
यह इसलिए भी खतरनाक है क्योकि यह आंकड़ा ग़ाव देहातो और एस सी एस टी ओ बी सी बच्चो का ज्यादा है यानी एक वर्ग को जानबूझ कर शिक्षा वहीं किया जा रहा है यानी एक सोची समझी साजिश के तहत सरकार ये सब कर रही है जिसका मकसद एक ख़ास वर्ग को शिक्षा से दूर रखना है और उसकी जह उनको दंगो और कावड यात्रा में इस्तेमाल करना है
दो लाख शिक्षको की कमी चुनाव आने लगे है और आप देखंगे कि बड़े ही लुभावने विज्ञापन टीवी पर चलने लगे है जिसमे उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में सवर्द दिखाया जाने लगा है जब की हकीकत कुछ और ही है कोई भी इनसे पूछ सकता है की जब स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है तो पढ़ेंगे कैसे
यूपी के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 1.26 लाख पद रिक्त, योगी सरकार ने बताई नियुक्तियां नहीं होनेकी वजह प्रदेश सरकार के मुताबिक अनुपात पूर्ण होने की वजह से किसी नई नियुक्ति करनेकी जरूरत नहीं है. सरकार ने कहा कि भविष्य में छात्रों की संख्या में इजाफा होनेकी स्थिति मेंइन पदों के सापेक्ष नियुक्तियांकी
. उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं को लंबा इंतजार करना होगा. प्रदेश सरकार फिलहाल परिषदीय विद्यालयों मेंशिक्षकों की भर्ती नहीं करेगी. ऐसा नहीं हैकि इन स्कूलों में सभी पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं. मरनेवालों की संख्या बढ़कर हुई दो हजार बीजेपी का बढ़ा कुनबा, कांग्रेस विधायक सचिन सरकार ने स्वयं माना है कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों मेंशिक्षकों के 1,26,490 पद रिक्त हैं. इसके बावजूद इन पर फिलहाल भर्ती करनेका कोई इरादा नहीं है. सरकार की ओर सेइसकी वजह भी बताई गई है. प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों की स्थिति प्रदेश सरकार के मुताबिक बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों मेंस्वीकृत पद 4,17,886 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक के 85,152 पद रिक्त हैं. उच्च प्राथमिक विद्यालयों की बात करेंतो इनमेंस्वीकृत पद 1,62,198 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक के 41,338 पद रिक्त हैं.
सरकार के तर्क ऐसे है कि कोई भी सामान्य बुधि का व्यक्ति इनको स्वीकार नहीं कर सकता क्योकि जब स्कूल नहीं शिक्षक नहीं तो बच्चे या माता पिता अपने बच्चो को कहा भेजेंगे के पढने के लिए और सरकार कहती है बच्चे आये नहीं इसलिए भर्ती नहीं
योगी सरकार काल में आज तक एक भी नया सरकारी स्कूल या कॉलेज नहीं खुला है जबकि मंदिरों और घाटो के निर्माण जोरो पर है कावड यात्रिओ पर हेलेकोप्टर से फूल बरसाए जाते है जबकि इन बेचारे गरीबो को ये नहीं पता इनपर फूल बरसाए नहीं जा रहे बल्कि इनको फूल बनाया जा रहा है यानी मुर्ख बनाया जा रहा है
इतने सालो के बाद योगी सरकार का कहना है अंतर्गत 53 सरकारी इंटर कॉलेज और एक पंडित दीनदयाल मॉडल इंटर कॉलेज खोला जाएगा. वहीं 18 सरकारी इंटर कॉलेज और 13 हाईस्कूल पीएम जनविकास कार्यक्रम के तहत खोले जाएंगे: उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र 2023- 24 में 85 नए स्कूल खोले जाएंगे.
प्रदेश में हर साल स्कूल उतरीं होने वालो की संख्या लाखो में होती है जबकि राज्य सरकार के पास स्कूल कॉलेज पुरे है नहीं यही कारण है नेता और पूंजीपति इसका लाभ उठा कर पाने प्रभाव से सरकारी जमीन को कोडियो के दाम लेकर अपने प्रभाव से इन कॉलेजों के लिए मान्यता ले लेते है और फिर शुरू हो जाता है छात्रो के जीवन से खेलने का धंधा छात्रो के जीवन से ही नहीं ये देश के भविष्य से खेलने का धंधा है जिसको वर्तमान सरकारे अपने निजी लाभ के लिए प्रोत्साहन देती है