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फीका रहा भाजपा का अयोध्या राम प्राण प्रतिष्ठा चुनावी स्टंट कहीं भंडारे ,शांतिपूर्ण यज्ञ,जलूस ,तो कहीं डीजे के हुडदंग के साथ सम्पन्न

  फीका रहा भाजपा का अयोध्या राम प्राण प्रतिष्ठा चुनावी स्टंट

कहीं भंडारे ,शांतिपूर्ण यज्ञ,जलूस ,तो कहीं डीजे के हुडदंग के साथ सम्पन्न

नई दिल्ली साधू संत समाज के विरोध और  प्राण प्रतिष्ठा के लिए अशुभ समय बताये जाने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तयशुदा कार्यक्रम को बरकरार रखा और समयानुसार और योजनानुसार कार्य को सम्पन्न किया , इस कार्य के साथ साथ

भाजपा के कार्यकर्ताओं ने लगभग अपने उन सभी राज्यों में प्राण प्रतिष्ठा को भव्य बनाने की पूरी कोशिश की जहा जहां इनकी सरकारे है

दिल्ली में टाउन हॉल टाइम्स के रिपोर्टर पूरा दिन दिल्ली के हर ईलाके में घूमते रहे और आज राम प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम पर नज़र  बनाये रखी जिसका पूरा निचोड़ यह रहा की

भाजपा को दिल्ली में जिस तरह इस कार्यक्रम के भव्य रहने की उम्मीद थी वह वैसा न रहा  और न ही दिखा

दिल्ली के ऐसे ईलाके जहां कम पढ़े लिखे लोग लेबर क्लास , मजदूर , निम्न माध्यम वर्गीय  परिवार , रहते है उन स्थानों पर कार्यक्रम के झंडे ज्यादा देखने को मिले पूर्वी दिल्ली के ऐसे कई इलाके है जिसमे भंडारे रैली , जलूस आदि बड़े पैमाने पर निकाले गए , लेकिन इन्मसे शामिल होने वाले लोग अधिकतर बेरोजगार , दुकानदार जो कार्यक्रम को फंडिंग कर रहे थे लेबर , रिक्शा वाले टैक्सी वाले , ऑटो वाले  गरीब घर की महिलाए और वो महिलाए भी थी जो इस कार्यक्रम को संचालित करने में थी

इसके अलावा दक्षिण दिल्ली में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला भोगल बाजार जहां पर दुकानदार शामिल थे उन्होंने पूरी मार्किट को सजाया हुआ था , लेकिन भोगल से लगा हुआ ईलाका  जंगपुरा एक्सटेंशन , जंगपुरा बी आदि में इस कार्यक्रम को लेकर कोई उत्साह नज़र नहीं आया

इसी तरह न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी , सुखदेव विहार , सिद्धार्थ एक्सटेंशन , आदि में ऐसा कोई जोश या निशाँ देखने को नहीं मिला कही कही पर अपवाद के लिए किसी एक घर पर राम का झंडा देखने को मिला

 अगर भंडारे और मंदिर में कार्यक्रम देखे तो ऐसे मंदिर जहां पर सीधा भाजपा के लोग संचालन  में है वहाँ पर पूजा पाठ के साथ रैली , जलूस , डी जे , बाइक रैली  आदि सब हुआ इनमे शामिल होने वाले कम उम्र के बच्चे युवा  बेरोजगार  लेबर क्लास आदि लोग ज्यादा दिखे

ऐसी कही जगह भी रही जहां पर एकदम शांतिपूर्ण तरीके से पूजा पाठ हुई और इसके बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया लेकिन ऐसी जगह काफी कम रही  क्योकि मंदिरों और कार्यक्रम के माध्यम से जगह जगह टीवी स्क्रीन लगा कर मोदी के भाषण चलाये गए  जिसकी वजह से लोगो को साफ़ साफ़ लगा कि ये भाजपा का राजनितिक कार्यक्रम  है

कुछ लोगो का मानना है कि इस कार्यक्रम के जरिये मोदी जी २०२४ के चुनाव का रास्ता साफ़ करना चाहते है और खुद भाजपा के कार्यकर्ता कह रहे है कि इस बार विपक्ष  को जड़ से ही समाप्त कर  दिया जाएगा

दरसल मोदी जी ने इस कार्यक्रम को इतना भव्य बना दिया कि इसकी चपेट से आम आदमी पार्टी भी नहीं बची और केजरीवाल ने सुंदर काण्ड का पाठ करवाने का ऐलान कर दिया और कांग्रेस के लोग भी जगह जगह अपने पोस्टर लगा कर इसका राजनितिक लाभ कमाने से पीछे नहीं हटे

चूँकि यह एक राजनितिक कार्यक्रम  था और भाजपा ने विशेष कर मोदी जी को दुसरो के कन्धो पर चड़ कर आगे आने का ज्यादा अनुभव है चाहे साधू समाज हो या शंकराचार्य हो किसी को नहीं बक्शा सब को दरकिनार करके अपने पद और सत्ता का फायदा उठा कर इस कार्यक्रम को छीना लेकिन दिल्ली या देश के कई अन्य राज्य और क्षेत्र है जहा पर ऐसा कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा

मोदी जी को यकीन था , कि थाली थाली जैसे उन्होंने बजवाई , जैसे कोरोना में दीपक भी जलवाए वैसे ही राम अयोध्या राम प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी सुपरहिट जाएगा  और इसलिए मोदी जी ने कह दिया कि दिए जलाओ ,दिवाली मनाओ लेकिन भाजपा की राजनितिक दृष्टि से प्रोग्राम काफी फीका रहा है और इसके जरिये ऐसी कोई सफलता नज़र नहीं आ रही है यानी अगर इस कार्क्रम को वोट में बदलने की बात करे तो ये सुपर फ्लॉप कहा जा सकता है  इससे एक बात और साफ़ हुई की जो लोग मोदी का जादू मोदी की लहर , मोदी की आंधी कहकर संवाद स्थापित करते थे अब ऐसा कुछ नहीं है हार आदमी समझ गया है कि मोदी एक बहुत बड़ा धोखा है और मोदी ने सिर्फ देश को बर्बाद किया है , गरीबी , बेरोजगारी ,महंगाई बड़ाई है , इसलिए मोदी का सम्बन्ध देश से नहीं अपने गुजराती मित्रो से है

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