नई दिल्ली टाउनहॉल टाइम्स चौदह मई 2024 को दिल्ली सरकार ने एल जी की स्वीकार्ता लेने के बाद प्रिंसीपल के लिए नियुक्त 6 प्रिंसीपल को उस वक्त बर्खास्त कर दिया जब उनसे अपने डीग्री और अन्य दस्तावेज वैरीफिकेशन लाने के लिए कहा गया लेकिन इन छ प्रत्याशियो ने दिल्ली सरकार के किसी भी लैटर का जवाब नहीं दिया और बार बार दिल्ली सरकार के कहने के बावजूद ये लोग अपने दस्तावेज लेकर नहीं आये इसलिए इनको दिल्ली सरकार के अतिरिक्त निदेशक शिंगारे रामचंद्र महादेव ने १४/०५/२०२४ को इन सभी छ प्रत्याशियो की नियुक्ति को कैंसिल कर दिया है
सबसे मजेदार बात ये है कि इन सभी प्रिंसिपल की नियुक्ति यु पी एस सी के जरिये हुई थी बताया जाता है कि दिल्ली सरकार ने यु पी एस सी से एक एफिडेविट दे कर कहा की उन्हें स्कूल प्रिंसिपल चाहिए इसके बाद यु पी एस सी एक परीक्षा आयोजित करता है उसमे से दिल्ली को ३३४ प्रिंसिपल की लिस्ट दे देता है लेकिन यु पी एस सी जैसी देश की इतनी बड़ी संस्था इन सभी प्रत्याशियो के डाक्यूमेंट्स वेरीफाई नहीं करता जबकि यह काम यु पी एस सी का ही है
मामला उस वक्त सामने आया जब दिल्ली के ही एक व्यक्ति की मुलाक़ात इसी परीक्षा के माध्यम से पास प्रिंसिपल सूर्य प्रकाश मिश्रा जो शालामार बाग़ दिल्ली में नियुक्त है लेकिन एस पी मिश्रा का आई क्यू लेवल , वव्हार देख कर उसे शक हुआ कि क्या ये सच में प्रिंसिपल है यह बात फ़ैल गई और एक शिकायत दिल्ली सरकार को दे दी जाती है लेकिन विभाग कुछ भी नहीं करता इस संबंध में अपनी पहचान को गुप्त रखते हुए एक उप शिक्षा निदेशक स्तरीय अधिकारी ने बताया कि सूर्य प्रकाश मिश्रा की सिस्टम में घुसपैठ इतनी मजबूत और गहरी है कि इसका संपूर्ण फर्जीवाड़ा पर्दाफाश होने के उपरांत भी इसके विरुद्ध कोई प्रभावी कार्रवाई नही हो पा रही है और सबसे बड़ी बात सूर्य प्रकाश मिश्रा की डिग्री , मार्कशीट आदि सब फर्जी है
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लेकिन जिन लोगो ने यह परीक्षा दी थी और वे इंटरव्यू के बाद असफल रहे अब जब यह बात प्रकाश में आई है तो सब अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रही है ऐसे बहुत सारे शिक्षक है जो पन्द्रह साल से ज्यादा सम्स्य से एक ही पद पर काम कर रहे है और प्रमोशन के लिए इस परीक्षा में शामिल थे
सूर्य प्रकश मिश्रा के बारे में पत्रकार ने जब शिंगारे रामचंद्र महादेव अतिरिक्त निदेशक से बात की तो उन्होंने सबसे पहले तो इस मामले की जानकारी होने से मना कर दिया यानी पन्द्रह मई की दोपहर को इसके बाद जब पत्रकार ने ज्यादा जोर डाला तो उन्होंने कहा सूर्य प्रकाश मिश्रा जिसके डिग्री ,ई डब्लू एस सर्टिफिकेट , सब जाली है ने कोर्ट से स्टे ले लिया है सबसे कमाल की बात जब पत्रकार ने केस की जानकारी मांगी तो निदेशक ने कहा मामला पूरा हो गया फाइल ढूँढनी पड़ेगी
जिन छ लोगो की नियुक्ति कैंसिल हुई है
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कुसुम लता मीना, डी.ओ.बी. 12.1987 (रोल नं. 1110239) था यूपीएससी द्वारा पत्र संख्या एफ.1/05(01)/2021-आर.III/एसपीसी-I दिनांक के माध्यम से प्रिंसिपल के पद पर नामांकित
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संजय कुमार वर्णवाल, डी.ओ.बी. 07.1988 (रोल नं. 1102660) था यूपीएससी द्वारा पत्र संख्या एफ.1/05(01)/2021-आर.III/एसपीसी-I दिनांक के माध्यम से प्रिंसिपल के पद पर नामांकित
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राम प्रसाद मीना, डी.ओ.बी. 12.1976, (रोल नं. 1104432) नामांकित किया गया था
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ओम प्रकाश, डी.ओ.बी. 07.1983 (रोल नंबर 1102649) को यूपीएससी द्वारा नामांकित किया गया था पत्र क्रमांक F.1/05(01)/2021-R.III/SPC-I दिनांक 27.03.2023 द्वारा प्राचार्य का पद।
५ अजय संपतराव चौकीकर, डी.ओ.बी. 24.07.1981 (रोल नं.1100328) को यूपीएससी द्वारा पत्र क्रमांक द्वारा प्राचार्य पद पर नामांकित किया गया था।
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श्रीमती. मंजू लता, डी.ओ.बी. 08.1973 (रोल नं. 1102312) था यूपीएससी द्वारा पत्र संख्या एफ.1/05(01)/2021-आर.III/एसपीसीआई द्वारा प्रिंसिपल के पद पर नामांकित