बिहार जातिय जनगणना आंकड़े जारी :ब्राह्मण 3 % लेकिन 80 % नौकरी और संसाधनों पर कब्जा ? पिछड़ा वर्ग 63 % एस सी 20 % लेकिन फिर भी वंचित

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बड़ी मुश्किलों से   प्रशासनिक और न्यापालिकाओं  के रोड़े अटकाने के बावजूद बिहार में जातिगत आंकड़े सामने आ गए है जिसमे चोंकाने वाले आंकड़े सामने आये है

बिहार के मुख्य सचिव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी किये है जिनको एक एप के माध्यम से भी देखा जा सकता है

बिहार में राजपूत की आबादी 3.45%, यादव 14%, भूमिहार 2.86%, ब्राह्मण 3.65% और नौनिया 1.9 फीसदी हैं.

जातिगत सर्वे के आंकड़ों के अनुसार बिहार में

पिछड़ा वर्ग के 27.13 प्रतिशत,

अति पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत और

अन्य पिछड़ा 15.52 प्रतिशत के लोग हैं.

वहीं बिहार की कुल आबादी 13,07,25,310 है,

जिसमें पिछड़ा वर्ग 3,54,63,936,

अत्यंत पिछड़ा वर्ग 4,70,80,514,

अनुसूचित जाति 2,56,89,820, अनुसूचित जनजाति  21,99,361,

अनारक्षित 2,02,91,679 हैं.

बिहार सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में

82% हिन्दू, 17. 7% मुसलमान, .05% ईसाई, .08% बौद्ध धर्म, .0016% कोई धर्म नहीं है.

 

लेकिन अभी भी इन आंकड़ो में ईमानदारी की कमी है   जैसा की अपेक्षा की गई थी  कि इन आंकड़ो के माध्यम से अभी तक ये सामने नहीं आया है कि किस जाति के पास कितनी जमीने है कितनी नौकरी है , कितनी शिक्षा है

हो सकता है ये आंकड़े भी रिपोर्ट में मौजूद हो लेकिन इन्हें नितीश कुमार सरकार ने अपने राजनैतिक फायदे के लिए अभी जारी नहीं किया है जबकि वो ही आंकड़े सबसे पहले आने चाहिए थे

https://townhalltimes.com/mahila-aarkshn-sc-st-obc-mahilaao-ke-saath-dhokha/Women reservation is the biggest conspiracy with backward-SCST women. 

क्योकि हर चुनाव के  वक्त में हर पार्टी के पास इन सभी जातिओं  की संख्या के आंकड़े होते है और इनके हिसाब से ही वो अपनी चुनावी रणनीति तैयार करते है और ये आंकड़े लगातार टीवी और अखबारों में दिखाए जाते है

इसलिए वो आंकड़े अभी भी हमारी आँखों के सामने  नहीं है जिनकी जरूरत हमे सख्त है

 

BihAR CAST CENSUS DEATIL , OBC 63 % ,SC 20 %

 

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