मोदी सरकार और खुद मोदी जी आज में कम और भूतकाल में ज्यादा जीते है इनके दिमाग में एक आधुनिक भारत की नहीं बल्कि एक पोराणिक भारत की एक आदर्शवादी तस्वीर ही घुमती है और मोदी जी हमेशा पाषाण युग में हो विचरते रहते है
मोदी सरकार का काम कांग्रेस से नफरत का है और वो ये नफरत इस बात से भी करते है कि कांग्रेस के जमाने में अंग्रेजो के बनाये कानून नहीं बदले गए जबकि कांग्रेस सरकार समय समय पर नए कानून लाती रही है वैसे भी मोदी सरकार ने सिर्फ कानूनों का नाम बदल कर क्या तीर मार दिया ये कानून के जानकारों की समझ से परे है कुछ जो इन बदलाव का समर्थन भी करते है तो वो इनमे काफी बदलाव की अभी भी उम्मीद रखते है लेकिन मोदी सरकार का काम सिर्फ स्थानों का कानूनों का संस्थाओं का नाम ही बदल रही है बाकी नया कुछ भी नहीं है
आइये देखते है Crpc आदि में क्या बदलाव हुए है देखते है
देश में कानूनों में बड़े बदलाव की सिफारिश केंद्र सरकार ने की है। संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन के सामने तीन बिल पेश किए। इन बिलों में IPC और CrPC की धाराओं में बदलाव की सिफारिश की गई। साथ ही नया भारतीय न्याय संहिता का प्रस्ताव रखा गया। भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद किन कानूनों में क्या बदलाव होगा आइए समझते हैं।
-राजद्रोह (Sedition/treason) को खत्म किया गया है। सरकार के खिलाफ नफरत, अवमानना, असंतोष पर दंडात्मक प्रावधान नहीं होंगे, लेकिन राष्ट्र के खिलाफ कोई भी गतिविधि दंडनीय होगी।