जंगल राज  : अतीक –अशरफ  सुनोयोजित कानूनी हत्याकाण्ड

जबसे भाजपा सरकार आई है नीतिओ के जरिये , कानूनों के जरिये ,पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग करके केवल मुस्लिम समुदाय को विशेषतौर पर निशाना बना रही है , जिस तरह से उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के  घरो और दुकानों पर बुलडोजर चलाए जा रहे है उनको गैर कानूनी तरीके से जेलों में रखा जा रहा है गिरफ्तार किया जा रहा  है इससे सरकार की मंशा साफ़ है

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जंगल राज  : अतीक –अशरफ  (ateeque-ashraf murder ) सुनोयोजित कानूनी हत्याकाण्ड

दो दिन पहले  उत्तर प्रदेश का नामी –इनामी गुंडा या बाहुबली अतीक अहमद के बेटे असद का  का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया हलांकि इस एनकाउंटर पर भी सवाल खड़े हो गए थे और उसकी भी जांच होना बाकी है

लेकिन इसी बीच प्रयागराज – इलाहाबाद में मेडिकल के लिए ले जाते वक्त अशरफ और  अतीक की तीन युवाओं ने पत्रकार के रूप में जा कर   अस्पताल के अहाते में हत्या कर दी

हत्यारों के नाम अतीक अशरफ की हत्या करने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर का निवासी है। तीसरा आरोपी सनी कासगंज जनपद से है। और कहा जा रहा है कि तीनो का अपराधिक रिकॉर्ड है

लेकिन इस हत्याकाण्ड से कुछ सवाल खड़े हो गए है कि अतीक ने सुप्रीम कोर्ट तक में गुहार लगाई थी कि मेरी जान  को खतरा है और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था उत्तर प्रदेश सरकार आपको सुरक्षा देने में सक्षम है लेकिन बावजूद इसके अतीक अहमद –अशरफ की हत्या से साफ़ पता चलता है कि इसमें साफ़ साफ़ एक षड्यंत्र नजर आता है

पहला अतीक अहमद इतना बड़ा अपराधी था और उसकी जान का भी खतरा था उसे अस्पताल ले जाते वक्त पुलिस की गाडी को बाहर रोक दिया गया और उसे पैदल ले जा जा रहा था , जिससे साफ़ पता चलता है कि अपराधियो को पूरा वक्त और सुविधा दी गई हत्या करने के लिए

इसके बाद अपराधियो ने सतरह गोली चलाई और इसी बीच प्राप्त विडियो से पता चलता है कि अपराधी गोली चलाते रहे और पोलिस वाले खड़े देखते रहे  यानी पुलिस शामिल थी इसी बात पर मीडिया में कुछ पुलिस अधिकारिओ ने कहा कि ये इस तरह की पुलिस थी जो गोली  चलाने में माहिर नहीं होती और तत्काल कार्यवाही नहीं कर पाती . तो सवाल है ऐसे पुलिस वाले वहा उस काम में क्या कर रहे थे

और उन्होंने अपराधियो को रोकने के लिए हवा में या उनकी टांगो  पर गोली क्यों नहीं चलाई

दरसल  पुलिस के अनुसार अपराधियो का कहना है कि वो अतीक  जैसे डॉन को मार कर अपराध की  दुनिया में अपना नाम कमाना चाहते थे  हलांकि ऐसा संभव हो सकता है लेकिन यह मंशा यहाँ नहीं लगती बल्कि  इन लोगो को सुपारी दी गई थी या इन्हें यह काम करने के लिए कहा गया

उत्तर प्रदेश में ये कोई ऐसा पहला हत्याकांड  नहीं है बल्कि फेक एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश नम्बर वन  है और भाजपा शासित प्रदेशो में इनकी संख्या ज्यादा  है

सभी बड़ी कमाल की बात है कि देश के सभी वरिष्ट पत्रकारो ने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की बहुत निंदा की है और सभी ने कहा है कि हो या न हो लेकिन यह एक षड्यंत्र का हिस्सा है जिसे बहुत ही हाई लेवल से अंजाम दिया गया है जिसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के द्वारा होनी चाहिए जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने ही तीन अधिकारिओ को जांच में लगा दिया है , इसलिए जांच क्या होगी ये सब जानते है

अखिलेश यादव और सुश्री मायवती ने उत्तर प्रदेश  में बढ़ते अपराधो पर बहुत चिंता जाहिर की है देश के सभी स्थानों से भाजपा शासित प्रदेशो में क़ानून वाव्य्स्था बिगड़ने को लेकर काफी चिंताए जताई जा  रही है

जबसे भाजपा सरकार आई है नीतिओ के जरिये , कानूनों के जरिये ,पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग करके केवल मुस्लिम समुदाय को विशेषतौर पर निशाना बना रही है , जिस तरह से उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के  घरो और दुकानों पर बुलडोजर चलाए जा रहे है उनको गैर कानूनी तरीके से जेलों में रखा जा रहा है गिरफ्तार किया जा रहा  है इससे सरकार की मंशा साफ़ है

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