Townhall Times

स्वामी प्रसाद  मौर्य का दावा आठवीं शताब्दी  तक बदरीनाथ धाम बौद्ध मठ था।    बौध मठों को मंदिर में किया गया है परिवर्तित

सपा नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य का दावा है कि आठवीं शताब्‍दी तक बदरीनाथ धाम बौद्ध मठ था। आदि शंकराचार्य ने इसे हिंदू मंदिर बनाया था। मौर्य का कहना है कि सिर्फ ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे नहीं होना चाहिए। अन्‍य मंदिरों का भी सर्वे कराया जाना चाहिए।

इस पर मायावती ने कहा है कि की स्वामी प्रसाद मौर्य का ब्यान पूर्ण रूप से राजनैतिक मंशा से दिया गई है क्योकि लोकसभा चुनाव है  और हर कोई चाहता है कि सिर्फ उत्तर प्रदेश के के ही नहीं बल्कि देश के  एस सी एस टी और  ओ बी सी के वोट उनके पाले में आ जाए

बुद्ध धर्म के मानने वाले लोगो का कहना है एस सी एस टी ओ बी सी ये सभी लोग हिन्दू नहीं है बल्कि ये सब ब्राह्मण संस्कृति के गुलाम है और शायद ही कोई ऐसा देश हो दुनिया में जहा पर इतना बड़ा सांस्कृतिक सम्राज्य काम  कर रहा हो

सपा के राष्‍ट्रीय महासचिव स्‍वामी प्रसाद मौर्य पिछले कुछ महीनों से धार्मिक मुद्दों को लेकर लगातार मुखर रहे हैं। अब उन्‍होंने बयान दिया है कि बदरीनाथ समेत अनेकों मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं। यह भी कहा कि सिर्फ ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे क्‍यों कराया जा रहा है। अन्‍य प्रमुख मंदिरों का भी सर्वे होना चाहिए।

मौर्य के इस बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने विरोध जताया है। उन्‍होंने कहा कि स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने नए विवादों को जन्‍म देने वाला विशुद्ध राजनीतिक बयान दिया है। मौर्य ने कहा था कि अगर किसी एक बात चलेगी तो फिर सभी की बात चलेगी। हम गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ना चाहते हैं।

 

हलांकि ये कोई पहली दफा नहीं है कि कोई इस तरह का विवाद सामने आया हो बल्कि इससे पहले भी कई बार ये विवाद सामने आ चूका  है कि बुद्धिस्ट प्रतिष्ठानों पर , बुद्ध विहारों पर ब्राह्मणों ने बुद्ध की मुर्तियो को ब्राह्मण देवी देवताओं में परिवर्तित कर दिया है और उन पर कब्जा कर लिया है ,खुद नागपुर  में बाबा साहेब के स्थल पर भी ब्राह्मणों का कब्ज़ा है और बौध गया में  भी ब्राह्मणों का कब्ज़ा है , बुद्ध की मुर्तियो को किसी को शिव बनाया हुआ है किसी को विष्णु , तो  बुद्ध की  कमल के फूल पर बैठी  बुद्ध  की माता को लक्ष्मी बना कर पेश किया हुआ है , ऐसे एक नहीं देश में हजारो उधाह्र्ण है यहाँ तक कि तिरुपति बालाजी की मूर्ति भी साफ़ रूप बुद्ध की मूर्ति है

बुद्ध संघठनो का मानना है कि ब्राह्मणों ने बुद्ध के हर प्रतीक का ब्राह्मनिकरण कर दिया है स्वास्तिक के निशाँ से लेकर कमल का फूल , त्रिशूल आदि सब बुद्ध के प्रतीकों पर ब्राह्मणों ने कब्ज़ा कर लिया है

बुद्ध ही विष्णु है बुद्ध ही शिव है
तिरुपति बालाजी बुद्ध है 

इंटरनेशनल बुद्धिस्ट नेटवर्क  और राष्ट्रिय  पिछड़ा वर्ग  ने काशी मथुरा  को  ब्राह्मणों से मुक्त कराने के लिए नो सिम्बर को भारत बंद का एलान किया है  चोबीस सितम्बर को बनारस और सत्ताईस सितम्बर को मथुरा में लाखो का मोर्चा निकालने की तैयारी की जा रही है

इस ब्यान के बाद देश में मूल निवासी राजनीती काफी गरमा गई है  दिल्ली हाई कोर्ट के वकील श्री मदन लाल कलकल ने कहा है कि एक नहीं बल्कि सारे धाम बौध की मुर्तियो  को विकृति करके बनाया गया है  उतराखंड को इसीलिए देवभूमि का नाम दिया गया है क्योकि वहा सारे मंदिर बौध मठ ही है

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट श्री हर्ष गौतम ने कहा है कि अगर मंदिरों या मस्जिदों के  जांच होने की प्रक्रिया चल रही है तो सभी की जांच हो जाए तो ऐसा कुछ भी नहीं केवल राजनितिक मंशा से दिया गया ब्यान ठीक नहीं है न देश के हित में है न समाज के हित में

SP leader Swami Prasad Maurya claims that Badrinath Dham was a Buddhist monastery till the eighth century. Adi Shankaracharya made it a Hindu temple. Maurya says that there should not be a survey of only Gyanvapi Masjid. Survey of other temples should also be done.
On this, Mayawati has said that the statement of Swami Prasad Maurya has been given with full political intention because there is Loksabha election and everyone wants that not only of Uttar Pradesh but SCST and OBC of the country let’s vote in their favor
People who believe in Buddhism say SCSTOBC all these people are not Hindus but they all are slaves of Brahmin culture and there is hardly any country in the world where such a big cultural empire is working.

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