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Movie  Review :अगस्त 16, 1947, अंग्रेज़ी राज के जुल्म दर्शाती है यह फिल्म    रेटिंग , 3 एंड हॉफ ,चंद्र मोहन शर्मा , Chander Mohan Sharma ,Film Critic

Movie  Review : अगस्त 16,1947, अंग्रेज़ी राज के जुल्म दर्शाती है यह फिल्म    रेटिंग , 3 एंड हॉफ ,चंद्र मोहन शर्मा ,हमारे फिल्म क्रिटिक
इस सप्ताह तमिल, तेलगु, कन्नड, मलयालम के साथ साथ विदेश में अंग्रेजी में रिलीज अगस्त 16,1947 को मेकर ने हिंदी में भी रिलीज किया। देश की आजादी की जंग की यह एक ऐसी कहानी है जिसका कही जिक्र नहीं है एक ऐसी खोई हुई कहानी जो देश को आजादी मिलने वाले दिन यानी 15 अगस्त से तीन दिन पहले शुरू होती है और आजादी मिलने के अगले दिन यानी 16 अगस्त को खत्म होती है।

साउथ के एक छोटे से गांव सेंगाडु में कपास की खेती होती है । इस गांव के लोगो को आजादी की खबर एक दिन बाद चलती है । अंग्रेज अफसर रॉबर्ट और उसके बेटे द्वारा मासूम गांव वालों को बुरी तरह से प्रताड़ित किया जाता है, पूरी फिल्म इसी के इर्द गिर्द घूमती है। इस फिल्म को प्रेम, साहस और देशभक्ति की एक अनूठी कहानी बताया गया लेकिन फिल्म में न तो प्रेम की पराकाष्ठा दिखी, न साहस और न ही देश भक्ति का
कहानी प्लॉट

साउथ के एक छोटे से सेंगाडु गांव वालों को आजादी की खबर एक दिन बाद पता चलती है इसकी वजह गांव का क्रूर जालिम अंग्रेज अफसर रॉबर्ट अपने बेटे जस्टिन के साथ मिलकर गांव के सभी लोगो के गले में गुलामी का पट्टा बांधे हुए उनसे रोज 16 घंटे मजदूरी करवाता है इस दौरान एक मिनट भी काम रुकने पर उनकी जानवरो की तरह अंग्रेज अफसर हंटर से पिटाई करते है भुखे प्यासे दर्द से कराहते इन गांव वालो की बहू बेटियां भी रॉबर्ट के अय्याश बेटे जेस्टिन के बंगले पर अंग्रेज सिपाही ले जाते है यही वजह है कि गांव वाले अपनी बेटियो को पैदा होते ही पर देते है । अंग्रेजों द्वारा मासूम गांव वालों को जिस तरह से प्रताड़ित किया जाता है, फिल्म के यह दृश्य देख कर आप भी गांव वालो के दर्द से खुद को बांध पाते है। यह फिल्म अंग्रेजो के जुल्म के साथ साथ सच्चे प्रेम, साहस और देशभक्ति की एक ऐसी कहानी है जो आपको किरदारो और फिल्म से बांधने में सफल है।

एक्टिंग ,
साउथ के सुपर स्टार गौतम कार्तिक ने अपने किरदार को बेहतरीन ढंग से किया है , इस फिल्म से डेब्यू कर रही रेवती शर्मा ने अपनी एक्टिंग से अपने किरदार की बारीकी तक को शानदार ढंग से पेश किया गौतम और रेवती की जोड़ी जमी है । जालिम क्रूर अंग्रेजी हुक्मरान रॉबर्ट और जेस्टिन के रोल में रिचर्ड और जैसन की एक्टिंग लाजवाब है,

निर्देशक एनएस पोनकुमार ने कहानी का कैनवास शानदार और बहुत बड़ा चुना और उसे स्क्रीन पर भी ठीक से उतार पाए। डॉयरेक्टर ने फिल्म की शुरुआत से अंत तक फिल्म को एक हो ट्रेक पर रखा और बेवजह फिल्म को इधर उधर कही भटकने नही दिया और फिल्म के सभी कलाकारों को स्टोरी का किरदार बनाकर पेश किया लीड कलाकार से लेकर फिल्म के छोटा सा रोल करने वाले कलाकर को सही फुटेज दी। ऐसे चालू मसालों से दूर हट कर एक अलग सब्जेक्ट पर फिल्म बनाने से पहले अच्छी खासी रिसर्च भी की ।

क्यो देखे
यह फिल्म उन दर्शको के लिए है जो सिनेमा के परदे पर सच देखना चाहते है, फिल्म की सिनेमाटोग्राफी, संपादन और बैक ग्राउंड म्यूजिक बेहतरीन है , अगर आप तक यह मानते थे कि अंग्रेजो ने गुलाम भारत में जुल्म अत्यचार नही किए तो यह फिल्म आपका ये भ्रम तोड़ देगी,

कलाकर, गौतम कार्तिक, रेवती शर्मा,पुगाज, रिचर्ड एशटएन, और जेसन, निर्माता, ए आर मुरुगदास, ओम प्रकाश भट्ट, एन आर चौधरी, लेखक, निर्देशक, एन एस पोनकुमार, सेंसर सार्टिफिकेट, यू ए, अवधि 141 मिनट, पीआर, ऊषा मिश्रा, शैलेश गिरी और राजू

Bollywood, Film Acting , Chander Mohan Sharma, Townhalltimes ,

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