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चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ EC ऑफिस के बाहर चली गोली

चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ HC जाएंगे इमरान, EC ऑफिस के बाहर चली गोली

चुनाव आयोग के फैसले के बाद पीटीआई नेताओं में रोष है. इमरान की पार्टी के नेता फवाद चौधरी ने कहा है कि यह क्रांति का समय है.

चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ HC जाएंगे इमरान, EC ऑफिस के बाहर चली गोलीपाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अयोग्य करार दिए जाने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. इमरान के वकील गौहर खान ने बताया कि वह इस फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने बताया कि नेशनल असेंबली से उन्हें पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया गया है.यह मामला सरकारी खजाने में वित्तीय हेराफेरी से जुड़ा हुआ है. चुनाव आयोग ने यह फैसला लेते हुए कहा है कि वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं. आयोग ने यह भी कहा है कि उन पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी. बता दें कि इमरान खान पर तोशखाना मामले में सुनाई की जा रही थी. इससे पहले 19 सितंबर को चुनाव आयोग अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सड़क पर ट्रकों की लंबी कतारें

इमरान खान के समर्थकों ने सड़कों को जाम कर दिया है. पीटीआई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से साझा किए गए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि पार्टी की वरिष्ठ नेता ज़रताज वज़ीर प्रदर्शन कर रही हैं. वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि सड़क पर ट्रकों की लंबी कतारें लगी है और सड़कों पर आगजनी की जा रही है.

आयोग के फैसले के खिलाफ जाएंगे हाई कोर्ट

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उनके वकील गौहर खान ने बताया कि चुनाव आयोग के फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. इमरान खान के खिलाफ चुनाव आयोग का फैसला तब आया है जब कुछ दिनों पहले ही उनकी पार्टी ने देशभर में उपचुनावों में बड़े स्तर पर जीत हासिल की. पीटीआई के नेताओं ने पार्टी और इमरान के समर्थकों को सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है.

इस्लामाबाद में चुनाव आयोग के बाहर समर्थकों की भीड़

फैसले के बाद पीटीआई के कई नेताओं का जमावड़ा चुनाव आयोग के बाहर लग गया. पाकिस्तान के बड़े शहरों में इमरान के समर्थन में दिग्गजों के जुटने से लॉ एंड आर्डर को मेन्टेन करने की चुनौती पैदा हो गई है. फैसला आने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग के ऑफिस के बाहर फायरिंग की गई. फिलहाल इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. बताया जा रहा है कि जिस शख्स ने गोली चलाई है वो एक सिक्योरिटी गॉर्ड है. इस शख्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

गोली चलाने वाला शख्स इमरान का समर्थक

सूत्रों की माने तो गोली चलाने वाला शख्स इमरान खान का समर्थक है. पाकिस्तानी मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार इस्लामबाद पुलिस ने तीन लोगों को अरेस्ट किया है. इमरान खान के समर्थक चुनाव आयोग के फैसले के बाद सड़कों पर उतर आए हैं. उन्होंने इस्लामाबाद हाईवे जाम कर दिया है जिसके बाद वहां गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई है. यहां पर आगजनी की घटनाएं भी सामने आई हैं.

सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए

इस फैसले से पाकिस्तान में हिंसा होने के आसार है जिसके बाद चुनाव आयोग ने सुरक्षा बढ़ाने को कहा है. चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि किसी भी पीटीआई नेता को चुनाव आयोग के दफ्तर में आने नहीं दिया जाए. हालांकि आयोग के इस फैसले को इमरान खान कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. जहां इस फैसले को बदला भी जा सकता है. चुनाव आयोग की 5 सदस्यीय बेंच ने आपसी सहमति से यह फैसला लिया है. तोशखाना मामले में इमरान पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी राष्ट्रध्यक्षों से मिले बेशकीमती तोहफों को सरकारी खजाने में न जमा करके बेच दिया था.

क्या है मामला

दरअसल शहबाज सरकार के सांसदों ने इमरान के खिलाफ पाकिस्तान के चुनाव आयोग में वित्तीय हेराफेरी करने की शिकायत दर्ज की थी. इस शिकायत में उन्होंने कहा था कि तोशखाना से रियायती मूल्य पर खरीदे गए उपहारों की बिक्री से हुई आय का खुलासा न करने को लेकर इमरान पर सवाल उठाए थे. आयोग से उन्होंने यह अपील भी की थी कि वह इमरान खान को आजीवन चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दें. इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस्लामाबाद स्थित ईसीपी सचिवालय में खान के खिलाफ यह फैसला सुनाया है.

समर्थकों ने कहा, हर हाल में देंगे साथ

इमरान खान के समर्थकों ने चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद कहा है कि यह इमरान खान पर बहुत बड़ा जुल्म है. समर्थकों का कहना है कि वह अपने नेता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते रहेंगे. अगर जरुरत पड़ी तो सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ हल्ला बोल करेंगे.

सांसदों के इलाज के लिए VVIP ट्रीटमेंट पर AIIMS की न, विरोध के बाद आदेश वापस

एम्स के निदेशक ने लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव वाईएम कांडपाल को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने एम्स की ओपीडी, इमरजेंसी में सांसदों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए वीआई प्रोटकॉल के तहत विशेष एसओपी जारी की थी.

नई दिल्ली के एम्स ने सांसदों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था लागू की थी. जिसके बाद दिल्ली की कई सारे डॉक्टर एसोसिएशन ने इसका कड़ा विरोध किया था. इसके लिए सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाया गया था. चौतरफा विरोध के बाद एम्स प्रशासन ने इस फैसले को वापस ले लिया है. एम्स के नए डायरेक्टर कि ओर से बुधवार को एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें सांसदों की चिकित्सा देखभाल के लिए विशेष एसओपी तैयार की गई थी. इस आदेश के आने के तुरंत बाद ही डॉक्टरों की एसोसिएशन ने इस व्यवस्था को वीआईपी कल्चर कहा था.

एम्स के निदेशक ने लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव वाईएम कांडपाल को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने एम्स की ओपीडी, इमरजेंसी में सांसदों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए वीआई प्रोटकॉल के तहत विशेष एसओपी जारी की थी. पत्र में लिखा गया था कि सांसदों के इलाज के लिए विशेष ड्यूटी अधिकारी मौजूद होंगें और इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था करेंगे. साथ ही 24 घंटे सातों दिन कंट्रोल रूम में मौजूद रहेंगे.

डॉक्टरों की एसोसिएशन ने किया था विरोध

एम्स प्रशासन के इस फैसले काफेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) और FAIMA ने एम्स प्रशासन के इस आदेश का कड़ा विरोध किया था. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ट्वीट कर कहा था कि एम्स सभी मरीजों के लिए हैं. अस्पताल में वीआई क्लचर नहीं होना चाहिए. इससे जरूतमंद मरीजों के इलाज में बाधा आ सकती है.

डॉक्टरों की एसोसिएशन ने इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था. फोर्डा के अलावा दिल्ली एनसीआर की कई एसोसिएशन ने एम्स के इस आदेश की कड़ी निंदा की थी. चौतरफा विरोध को देखते हुए दो दिन में ही एम्स ने ले फैसला वापिस ले लिया.

एम्स के निदेशक ने बीते कुछ दिनों में मरीजों के हितों के लिए भी कई फैसले लिए हैं. अस्पताल के कैंसर संस्थान से एनआईसी झज्जर के लिए मरीजों को निशुल्क परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है. ओपीडी में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर काम करने वाले संविधा कर्मचारियों को भी काम के दौरान फोन न इस्तेमाल करने के लेकर भी आदेश जारी किया था. इसके अलावा मरीजों के लिए एमआरआई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए नई मशीनें खरीदने पर भी काम किया जा रहा है. एम्स निदेशक के इन सभी फैसलों का डॉक्टरों ने स्वागत किया था, लेकिन वीआईपी ट्रीटमेंट वाले आदेश की काफी निंदा की थी.

Election Commission PC Live Updates: हिमाचल प्रदेश में कब होगी वोटिंग? चुनाव आयोग कर रहा है तारीखों का ऐलान

हिमाचल विधानसभा की 68 सीटों के लिए 2017 में 9 नवंबर को वोटिंग हुई थी. बीजेपी ने 68 में से 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि, कांग्रेस ने 21 सीटें हासिल की थी. बीजेपी ने जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाया था.

फाइल फोटोफाइल फोटो

चुनाव आयोग आज हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस दिल्ली के विज्ञान भवन में होगी. सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग आज सिर्फ हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा, जबकि गुजरात में चुनाव की घोषणा दिवाली के बाद होगी. पहले कयास लगाया जा रहा था कि चुनाव आयोग हिमाचल और गुजरात दोनों जगहों पर एक साथ चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकता है.